हिसार, 6 अप्रैल (हप्र)
जिला किसान सभा के प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार की अध्यक्षता में जिला कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि बर्बाद फसलों के मुआवजे के लिए सभा आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष-2021 की कपास की पूरी फसल गुलाबी सुंडी से बर्बाद हो गई थी, परंतु आदमपुर, बालसमंद व खेड़ी चोपटा तहसीलों में बर्बाद फसलों की गिरदावरी प्रशासन ने नहीं करवाई। इससे तीनों तहसील मुआवजे से वंचित रह गई। इसके विरोध में वहां आंदोलन भी हुआ। 11 मार्च 2022 को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया था कि किसानों को बर्बाद हुई फसलों का उचित मुआवजा दिया जाएगा और दोषी अधिकारियों पर भी ठोस कार्रवाई की जाएगी परंतु आज तक किसी तहसील को मुआवजा व न्याय नहीं मिला। बैठक में कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से फैसला लिया कि किसान सभा इसके लिए निर्णायक लड़ाई लड़ेगी।
डीजल के रेट बढ़ने की निंदा : प्रेस सचिव सूबे सिंह बूरा ने बताया कि आज की बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि किसान सभा हिसार जिले के प्रत्येक गांव में किसान सभा का गठन करेगी। इसके अतिरिक्त पेट्रोल, डीजल, खाद व बिजली दरों की बढ़ती कीमतों की कड़ी निंदा करते हुए फैसला लिया गया कि किसान सभा इन सबके विरोध में आंदोलन करेगा।
पदोन्नति बंद होने से नाराजगी
किसान सभा के जिला सचिव सतवीर धायल ने प्रस्ताव रखा कि प्रदेश के गृह मंत्रालय व पुलिस प्रशासन ने पुलिस के छोटे कर्मचारी सिपाही व हवलदार की वार्षिक पदोन्नति बंद कर दी है, इससे उनकी एसीपी पर प्रभाव पड़ा है। सरकार का यह फैसला पूरी तरह कर्मचारी विरोधी फैसला है, किसान सभा ने सरकार के इस फैसले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए मांग की है कि कर्मचारियों को न्याय दिया जाए।