पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 12 जनवरी
तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने और एमएसपी पर गारंटी की मांग कर रहे किसानों ने साफ कर दिया है कि उनकी लड़ाई सरकार के साथ सीधी चलेगी। इसके लिए अदालत या किसी अन्य की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है। इनका कहना है कि जब कानून संसद ने बनाए हैं, तो संसद ही इन्हें रद्द करे। किसानों ने कहा कि अगर कमेटी से बात बनती तो फिर सड़क पर बैठ कर विरोध करने की जरूरत ही कहां थी।
किसानों ने कहा कि आंदोलन तभी खत्म होगा, जब कानून रद्द किए जाएंगे या फिर दूसरा तरीका यह है कि सरकार किसानों को गोली मार दें और उनके परिजन शव लेकर जाएंगे। यह दो ही तरीके सरकार के पास बचे हैं, विकल्प उन्हें चुनना है। इसके साथ-साथ अब पांच बाॅर्डर के अलावा किसी अन्य बड़े हाईवे से दूसरे संपर्क मार्ग बंद करने पर विचार चल रहा है। किसानों का कहना है कि अब उनके सामने आंदोलन को आगे बढ़ाने के अलावा विकल्प ही नहीं बचा है। ऐसे में सरकार तय करे कि वह किसान के प्रति अपना रवैया बदलेगी या आंदोलन को मजबूर करेगी।
पहले की रणनीति पर आगे बढ़ेगा आंदोलन
किसान नेताओं ने कहा कि आंदोलन किसी भी हालत में धीमा नहीं होगा, बल्कि उनका आंदोलन तेज होता जाएगा। जिस तरह की रणनीति पहले से बनी हुई है, उसके तहत आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा और 15 जनवरी के बाद आंदोलन को तेज करने की रूपरेखा तैयार की जाएगी। किसानों का यह रुख देखकर सरकार की परेशानी कम नहीं होती दिख रही है।
पंजाब वेड्स दिल्ली के पोस्टर
गाड़ियों पर किसान नए-नए तरह के पोस्टर लगाकर पहुंच रहे हैं। पंजाब से आए युवा किसानों ने गाड़ियों पर पंजाब वेड्स दिल्ली के पोस्टर लगाए हैं। साथ ही लिखा है कि साडे काका पंजाब सिंह दा शुभ विवाह बीबी दिल्ली मरजाणी नाल मिती 26 जनवरी 2021 दिन मंगलवार। इस तरह के पोस्टर लगाकर किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली में जाने की बात कही है।
‘सुप्रीम कोर्ट ने भी माना किसान का हक है आंदोलन’
संयुक्त मोर्चा के सदस्य डा. दर्शनपाल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आंदोलन किसानों का हक है, इसलिए चलता रहेगा। कानूनों को लागू करने पर भी कोर्ट ने रोक लगाई है। इस तरह से यह दोनों फैसले किसानों के पक्ष में आए हैं लेकिन कानूनों पर रोक लगाना कोई समाधान नहीं है और कमेटी बनाने से इसमें कुछ नहीं होना है। हम कमेटी बनाने के पहले ही पक्ष में नहीं थे। कमेटी के सामने कोई किसान पेश भी नहीं होगा।
कानूनविदों के साथ होगी चर्चा
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों पर जल्द आयोजित होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में कानूनविदों के साथ चर्चा करके आंदोलन के आगामी कदम उठाने बारे का निर्णय लिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की प्रति मिलने के बाद ही सही तौर पर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
श्रमिक एवं कर्मचारियों ने भी किया प्रदर्शन
सोनीपत, 12 जनवरी (हप्र)
मंगलवार को किसानों के समर्थन में सीटू व सर्व कर्मचारी संघ के सदस्यों ने शहर में विरोध प्रदर्शन किया और पीएम व सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। सदस्यों का कहना है कि सरकार जबरन किसानों व मजदूरों के अहित में कानून ला रही है। इसका हर स्तर पर विरोध होगा। इससे पहले सुबह दस बजे पंचायत भवन में सीटू एवं सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित यूनियनों के कार्यकर्ता, मजदूर, परियोजना वर्कर्स एवं कर्मचारी इकट्ठा होना शुरू हो गए। यहां बैठक की अध्यक्षता सीटू के जिला प्रधान आनंद शर्मा व सर्व कर्मचारी संघ जिला प्रधान राममेहर शर्मा ने की जबकि संचालन सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव जय भगवान दहिया एवं सीटू की जिला सचिव सुनीता ने संयुक्त रूप से किया।
प्रदर्शन करते हुए मजदूरों, परियोजना वर्करों एवं कर्मचारियों का जत्था गोहाना रोड, छोटूराम चौक, पुलिस लाइन, हनुमान मंदिर, वकीलों के चैंबरों के अंदर से डीसी कार्यालय पर पहुंचा। यहां डीसी कार्यालय का घेराव करके प्रदर्शन किया गया और मांगपत्र सौंपा। कर्मचारियों मजदूरों के प्रदर्शन के दौरान जाम की स्थिति बनी रही।