अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 10 अप्रैल
भिवानी नगर परिषद के घोटाले की परतें अब और खुलने लगी हैं। पुलिस ने रविवार को नगर परिषद में फर्जी रसीदें काटने के आरोप में 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों की गिरफ्तारी के बाद नगर परिषद के 12 पार्षदों की भूमिका भी अब शक के घेरे में आ गई है। गिरफ्तार किया गया एक युवक नगर परिषद के एक पार्षद का भतीजा है और नगर परिषद में डीसी रेट पर कार्यरत है।
पुलिस को गत दिनों एक शिकायत प्राप्त हुई थी जिसमें कहा गया था नगर परिषद के अधिकारियों व पार्षदों की मिलीभगत से परिषद में विकास शुल्क, हाऊस टैक्स व अन्य टैक्स की झूठी रसीदें काटे जाने का खेल चल रहा है और यह घोटाला करोड़ों रुपये में है। पुलिस को दी शिकायत में यहां तक कहा गया कि यह सब तत्कालीन शीर्ष अधिकारियों के कहने पर हो रहा था। इस माध्यम से होने वाली कमाई नगर परिषद के लगभग 12 पार्षदों को दी जाती थी ताकि वे नप अध्यक्ष के खेमे में बने रहे। शिकायतकर्ता के अनुसार पकड़े गए दोनों युवक घंटाघर के पास एक कार्यालय चलाते थे। उसमें वे हजारों रुपये की फर्जी रसीदें काटते थे और रसीदों के आधार पर लोगों को एनओसी मिल जाती थी। इस खेल में नप अधिकारियों के उच्च अधिकारियों के साथ-साथ तहसीलदार कार्यालय की भूमिका भी संदेह के घेरे में है क्योंकि झूठी रसीदों के आधार पर झूठी रजिस्ट्री भी बताई गई हैं। एक अनुमान के अनुसार यह खेल पिछले 5 वर्षों से चल रहा था और इस दौरान करोड़ों रुपये का घालमेल हुआ है।
इससे पहले नगर परिषद में विभिन्न बैंक खातों से निजी फर्मों के खातों में अवैध रूप से 14.5 करोड़ रुपये डालने के मामले में नगर परिषद के अध्यक्ष रण सिंह यादव सहित 8 अन्य आरोपी राज्य चौकसी ब्यूरो की गिरफ्त में हैं। रविवार को हुई फर्जी रसीद कांड की गिरफ्तारी में एक नया भ्रष्टाचार का पिटारा खोल दिया है। चर्चा है कि इस मामले में भी कई सफेदपोश, नगर परिषद के अधिकारी व प्रॉपर्टी डीलर भी जांच के घेरे में आयेंगे। इस बीच भिवानी पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के अनुसार फर्जी रसीद घोटाले के मामले में दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किये गए युवकों में हरीश व रजनीश दोनों को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार भिवानी नगरपरिषद के रसीद घोटाले के मामले में 9 अप्रैल को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उनसे एक लैपटॉप, एक प्रिंटर भी बरामद हुआ है। जांच एजेंसी के अनुसार आरोपी रजनीश ने बताया कि वह वर्ष 2017 में डीसी रेट पर नगर परिषद में लगा था और उसकी मुलाकात नगर परिषद के बाहर एक दुकान पर हरीश से हुई थी और उन्होंने पीआईडी के लिए आने वाले आवेदकों से प्रॉपर्टी टैक्स व सोलिड वेस्ट टैक्स की फर्जी पर्चियां काटनी शुरू कर दी और बाद में यह सिलसिला बढ़ना शुरू हो गया।
‘किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा’
पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि नगर परिषद में हुए घोटालों की जांच जारी है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। फर्जी रसीद घोटाले के आरोपियों के किन-किन से कनेक्शन थे कि व्यापक जांच की जायेगी।