जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 12 जुलाई
पिछले लगभग 48 घंटे से इंद्र देवता की कृपा रहने से क्षेत्र में भले ही बरसात नहीं हुई लेकिन जिला से गुजरने वाली सभी नदियां उफान से बह रही हैं। शहर के कई हिस्से अभी तक पूरी तरह से जलमगन है। जीटी रोड पर स्थापित थोक फल सब्जी मंडी पूरी तरह से टापू बनी हुयी है जिससे रोजाना लाखों रुपये कर सब्जी व्यापार प्रभावित होकर रह गया है। कुल मिलकाकर स्थिति ऐसी रही कि पीने को पानी नहीं डूबन को सारा शहर। हालांकि जिला प्रशासन ने एयरफोर्स की सहायता से खाद्य सामग्री, पानी, टोर्च, तिरपाल, मोमबत्ती आदि जरूरी सामान बाढ़ में फंसे लोगों को भेजनी प्रारंभ कर दिए हैं।
कहने को तो पूरा प्रशासन बाढ़ आपदा प्रबंधन में जुटा है लेकिन कुल मिलाकर 4 दिन बाद भी आम जनजीवन पटरी पर नहीं लौट पाया जिसके लिए आम नागरिक प्रशासन का फेलयोर बताते नहीं थक रहे। बिजली विभाग के अधिकारी पिछले कई दशकों में इतना नाकारा साबित नहीं हुए जितना इस बार आ रहे हैं। बारिश को देखते हुए 15 जुलाई तक जिला के सभी स्कूलों में छुट्टी की गई है। अम्बाला हिसार मार्ग को छोडक़र सभी हाइवे खोल दिए गए हैं। इन सबके बीच प्रशासन विशेषकर बिजली विभाग पूरी तरह से असफल सिद्ध हुआ है। कई क्षेत्रों में तो पिछले 4 दिन से बिजली गायब रहने के कारण हाहाकार मचा हुआ है। बिजली गायब होने के कारण जलापूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई।
बिजली के कारण इंटरनेट सेवाएं तक बाधिक हो रही हैं। सद्दोपुर फीडर में पानी घुस आने के 4 दिन बाद भी बिजली अधिकारी या प्रशासन वहां से पानी नहीं निकलवा पाए। बिजली अधिकारी अपना फोन स्विच ऑफ किए हैं जिसके चलते वास्तविक स्थिति लोगों को नहीं बताई जा रही। लोगों की सहन शक्ति समाप्त होने के कारण बीती देर रात तक हजारों की संख्या में लोगों ने सड़क पर निकल कर बिजली अधिकारियों के प्रति गुस्सा निकाला। डिप्टी मेयर को धमकी देनी पड़ी की बिजली शाम तक नहीं आई तो वे आंदोलन पर मजबूर होंगे।
अम्बाला में बाढ़ से शहरी व ग्रामीण इलाके बुरी तरह से प्रभावित हैं। शहरी इलाकों में पानी कुछ कम हुआ है लेकिन मुसीबत कम नहीं हुई। वहीं अब पंजाब की तरफ से आ रहे एसवाइएल के पानी ने अम्बाला में हिसार रोड पर बसे आधा दर्जन से अधिक गांवों को बाढ़ की चपेट में ले लिया है। आलम ये है कि गांव के अंदर मदद भी नहीं पहुंच पा रही। दानीपुर निवासी एवं आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेश संरक्षक दूनीचंद दानीपुर ने बताया कि नरवाना और एसवाईएल नहर कई जगह से टूट जाने से विषम परिस्थितियां उत्पन्न हो
चुकी हैं।
सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन प्रधान अमरनाथ ने बताया कि आढ़तियों का लाखों रुपये का नुकसान हुआ, पूरी मंडी टापू में बदल गई लेकिन प्रशासन की ओर से किसी अधिकारी ने आढ़तियों की समस्या को सुनने की जहमत भी नहीं की। उन्होंने आढ़तियों को हुए नुकसान की पूरी भरपाई करने की मांग की।
”जल भराव वाले क्षेत्रों में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ से सहयोग लेने के साथ ही अब एयरफोर्स की मदद लेनी शुरू कर दी है। गांव बॉम्बे में आज जिला प्रशासन ने एयरफोर्स की सहायता से खाद्य सामग्री, पानी, टोर्च, तिरपाल, मोमबत्ती आदि जरूरी सामान भेजकर राहत पहुंचाने का कार्य किया है। जिन क्षेत्रों में बोट नहीं जा सकती है, उनमें एयरफाेर्स की मदद ली जा रही है। जिला प्रशासन प्रभावित लोगों की मदद के लिए जो भी जरूरी कदम है वह उठा रहा है और हर सम्भव सहायता कर रहा है।” -डॉ. शालीन, उपायुक्त अम्बाला