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ओपीएस के अलावा कोई स्कीम कर्मचारियों को मान्य नहीं

हरियाणा के कर्मचारी संगठनों की दो-टूक, सरकार का फैसला नकारा
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चंडीगढ़, 29 जून (ट्रिन्यू)

हरियाणा मंत्रिमंडल द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने का कर्मचारी संगठनों ने विरोध किया है। संगठनों का कहना है कि यूपीएस की उनकी ओर से कभी मांग नहीं की गई। कर्मचारियों की शुरूआत से ही ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू करने की मांग है और इसी मांग को लेकर वे बरसों से आंदोलन कर रहे हैं। यहां बात दें कि पिछले दिनों हुई कैबिनेट मीटिंग में ही पहली अगस्त से यूपीएस को लागू करने का निर्णय हरियाणा सरकार ने लिया है।

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कर्मचारी संगठनों का कहना है कि सरकार तीन कृषि कानूनों की तरह कर्मचारियों की मांग के बिना ही एकतरफा तरीके से यूपीएस लागू करने का घोषणा कर वाहवाही बटोर रही है। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार ने हितधारकों (कर्मचारियों) से बातचीत किए बिना एकतरफा तरीके से यूपीएस लागू करने का फैसला किया है। यह तरीका बिल्कुल अनुचित है, जिससे कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। सरकार ने कर्मचारियों को जनवरी-2006 से लागू एनपीएस (न्यू पेंशन स्कीम) और यूपीएस चुनने का विकल्प देने का भी फैसला किया है। अगर सरकार वास्तव में कर्मचारी हितेषी है तो उसे कर्मचारियों को ओपीएस, एनपीएस व यूपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बड़ी विचित्र बात है कि सभी सांसद व विधायक ओपीएस के तहत जितनी बार निर्वाचित होगे उतनी बार पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और केन्द्र एवं राज्य कर्मचारी संघों की फेडरेशनों द्वारा 9 जुलाई को हड़ताल का ऐलान किया है।

यह है ओपीएस और यूपीएस में अंतर

लांबा ने बताया कि ओपीएस में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती नहीं होती। केवल जीपीएफ की राशि की कटौती होती। इस राशि को सरकार देश के विकास के लिए खर्च कर सकती हैं। लेकिन यूपीएस में कर्मचारी के वेतन से 10 प्रतिशत और सरकार से 18.5 प्रतिशत कटौती होगी। इस राशि को सरकार खर्च नहीं कर सकती। ओपीएस में बीस लाख तक की रिटायरमेंट ग्रेच्युटी है और यूपीएस में रिटायरमेंट पर सेवा के प्रत्येक 6 माह की सेवा के लिए 1/10 का भुगतान किया जाएगा। ओपीएस में अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत डीए पेंशन राशि मिलती है और यूपीएस में पिछले 12 महीने की औसत वेतन का 50 प्रतिशत डीए मिलेगा। लेकिन कर्मचारी के वेतन से हर महीने दस प्रतिशत कटौती भी होगी।

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