चंडीगढ़, 8 मार्च (ट्रिन्यू)
पहली बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स की मेजबानी कर रहे हरियाणा ने इन खेलों पर 250 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया है। इसमें से 205 करोड़ रुपए राज्य सरकार खर्च करेगी और बाकी पैसा केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराया जाएगा। कोविड-19 की वजह से खेला इंडिया गेम्स टलते आ रहे थे लेकिन अब कोरोना की तीसरी लहर जाने के बाद इन खेलों के आयोजन का रास्ता साफ हो गया है।
अहम बात यह है कि खेला इंडिया के लिए सरकार ने बजट का प्रबंध कर लिया है लेकिन सोनीपत के राई में बनने वाली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है। यहां स्थित मोतीलाल नेहरू स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स कैम्पस में ही यूनिवर्सिटी बनाने का निर्णय सरकार ने लिया हुआ है। इस यूनिवर्सिटी में 80 प्रतिशत सीट हरियाणा के लिए तथा बाकी 20 प्रतिशत बाकी राज्यों के लिए ओपन रहेंगी। पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में सरकार राष्ट्रीय स्तर का वैज्ञानिक प्रशिक्षण एवं पुनर्वास केंद्र (एसटीआरसीएस) स्थापित कर रही है। इसी पैटर्न पर करनाल, हिसार, रोहतक और गुरुग्राम के खेल स्टेडियम में भी ये सेंटर स्थापित करने की योजना है। इन केंद्रों में वैज्ञानिक खेल प्रशिक्षण के अलावा स्पोर्ट्स इंजरी, रिहेबिलिटेशन और स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। राष्ट्रीय खेल संस्थान की तर्ज पर पंचकूला में हरियाणा राज्य खेल संस्थान स्थापित करने की भी योजना है। प्रदेशभर में 1100 नई खेल नर्सरियां खोलने का प्रस्ताव सरकार ने बनाया है। इनमें से 500 नर्सरियां सरकार चलाएगी। वहीं 600 नर्सरियां सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, प्राइवेट शिक्षण संस्थानों द्वारा चलाई जाएंगी। इसके लिए सरकार निजी कोचिंग सेंटरों को नर्सरियां आवंटित करेगी। इन नर्सरियों से लगभग 25 हजार खिलाड़ियों को लाभ मिलेगा। विभिन्न खेलों के लिए सरकार ने 10 डे-बोर्डिंग और 8 आवासीय अकादमियां स्थापित करने का निर्णय लिया है।
मिल्खा सिंह एडवेंचर स्पोर्ट्स क्लब
खेल एवं युवा मामले विभाग हरियाणा साहसिक अकादमी के तहत मिल्खा सिंह एडवेंचर स्पोर्ट्स क्लब स्थापित करेगा। इसके तहत पंचकूला के मोरनी में युवा उद्यमियों का 10 दिवसीय बूट कैम्प आयोजित किया जा चुका है। इसमें 40 स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया। अब यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश में शुरू होगा। अगले एक साल में 1000 युवाओं को साहसिक गतिविधियों में ट्रेंड किया जाएगा।