हिसार 19 जुलाई (हप्र)
हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) के 102 पदों पर करीब 19 साल पहले पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के शासन में हुई दूसरी भर्ती में अनियमितता के मामले में अग्रिम जमानत मांगने वाले हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के छह पूर्व सदस्यों की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को सेशन जज दिनेश कुमार मित्तल की अदालत ने खारिज कर दी। याचिका का विरोध करते हुए पंचकूला एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने कई खुलासे किए और कहा था कि इस भर्ती में 11 अभ्यर्थियों का अनुचित लाभ देकर चयन किया गया और सात अभ्यर्थियों के अनुचित तरीके से नंबर कम करके उनको दौड़ से बाहर किया गया।
एचसीएस के 66 पदों पर करीब 21 साल पहले हुई भर्ती की अनियमितता के मामले में ब्यूरो ने हिसार के सेशन जज दिनेश कुमार मित्तल की अदालत में 29 व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट पहले ही दाखिल कर दी है। जिनमें आयोग के पूर्व सदस्य एवं इस समय जजपा नेता केसी बांगड़ के अलावा आयोग के सचिव सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हरदीप सिंह भी शामिल हैं। हाईकोर्ट ने केसी बांगड़ को जमानत दे दी थी, इसी आधार पर आयोग के छह पूर्व सदस्यों ने जमानत मांगी थी।
आयोग के जिन छह पूर्व सदस्यों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की गई है, उनमें हिसार के कैमरी रोड स्थित छत्तर सिंह, सेक्टर 15 निवासी युद्धवीर सिंह, सिरसा के सुखरखेड़ा गांव निवासी ओमप्रकाश, डुंगर राम, रोहतक के सेक्टर 4 निवासी रणबीर सिंह हुड्डा व महेंद्रगढ़ के नारनौल निवासी सतबीर सिंह बढ़ेसरा शामिल हैं। जमानत मांगने वाले सभी आवेदक 68 से 76 वर्ष के हैं। अदालत में दिए अपने जवाब में एसीबी ने बताया कि मामले की जांच के दौरान वर्ष 2001 में हुई सहायक प्रोफेसर (कॉलेज) की भर्ती, वर्ष 2003 में सिरसा के पन्नीवाला मोटा सिथत चौधरी देवी लाल मेमोरियल इंजीरियरिंग कॉलेज और वर्ष 2001 से 2004 में हुई एचसीएस की भर्ती में हुई अनिमितताओं के बारे में मुख्य सचिव कार्यालय से जांच एजेंसी को कुल 38 शिकायतें मिली। बता दें कि 102 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। इसमें साक्षात्कार के लिए 292 को बुलाया और 102 का चयन किया गया था। ओरिजनल उत्तर पुस्तिका में 167 अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं में गंभीर अनियमितताएं मिली थी, जिनमें ओवर राइटिंग, अंकों में कटिंग करके बढ़ाना व घटाना, अलग-अलग पेन व स्याही का प्रयोग करना, पेज खाली छोड़ देना आदि शामिल थी।