सोनीपत, 28 अक्तूबर (निस)
कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर डटे निहंग जत्थेदारों ने ऐलान किया है कि वे अपने स्तर पर जल्द ही पंजाब में गुरुद्वारों में स्थापित गुरु ग्रंथ साहिब की सुरक्षा जांचेंगे। यदि सुरक्षा में खामी मिली तो संबंधित गुरुद्वारे से गुरुग्रंथ साहिब को दूसरे गुरुद्वारे में रख दिया जाएगा। इसके लिए निहंगों ने दो कमेटियों का गठन भी किया है, जिनका नेतृत्व बाबा चड़त सिंह व बाबा कुलविंदर सिंह करेंगे।
साथ ही निहंगों ने ऐलान किया है कि यदि जिस गुरुद्वारे में बेअदबी हुई, वहां की प्रबंधक कमेटी को इसका जिम्मेदार माना जाएगा। गुरुद्वारों के बाहर बाकायदा पूरी कमेटी के मोबाइल नंबरों की सूची लगानी होगी। बेअदबी रोकने की जिम्मेदारी अकाल तख्त के जत्थेदार की भी होगी।
निहंग जत्थेदार बाबा राजाराम सिंह व बाबा कुलविंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को सिंघु बॉर्डर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अब तक 300-400 बेअदबियां हो चुकी हैं, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। मजबूर होकर यह फैसला लेना पड़ा। उन्होंने दोहराया कि बेअदबी के मामलों में इसी तरह का परिणाम होगा, जैसा सिंघु बॉर्डर पर हुआ। सरकार को अगर ऐसे मामले रोकने हैं तो बेअदबी करने वालों के लिए फांसी का प्रावधान किया जाए।
गुरुद्वारों के ग्रंथियों से मांगे सुझाव
निहंगों ने कहा कि उनके कदम का पंथक जत्थेबंदियां स्वागत कर रही हैं। केवल वे लोग ही विरोध कर रहे हैं जो सिख धर्म की मर्यादा को नहीं जानते। निहंग जत्थेदारों ने अपने इस फैसले को लेकर सप्ताह तक गुरुद्वारों के ग्रंथियों से सुझाव मांगे हैं और पूछा है कि वे बताएं कि उन्होंने बेअदबी बारे सही फैसला लिया है या नहीं। इसके बाद वे अपनी कार्रवाई शुरू कर देंगे। उन्होंने साफ कहा कि बाबा अमन सिंह के जत्थे में कुछ गलत लोग घुस गए हैं, जिनके बारे में वे जल्दी ही फैसला करेंगे।
पुलिस आरोपी का नाम दे, करेंगे विचार
निहंग जत्थेदारों ने पुलिस के उस दावे का भी जवाब दिया है, जिसमें कहा गया था पुलिस के पास कुछ मुख्य आरोपियों के नाम हैं, जिनकी गिरफ्तारी की जाएगी। इस पर बाबा राजाराम सिंह ने कहा कि पुलिस उन्हें आरोपियों के नाम बताए। इसके बाद वे विचार करेंगे कि गिरफ्तारी दी जाएगी या नहीं।
मोर्चा के साथ विवाद सुलझाने को बनेगी 6 सदस्यीय कमेटी
निहंग जत्थेदारों ने दावा किया कि किसान मोर्चा के सुरजीत सिंह फूल की अगुवाई में 4 सदस्य भी सम्मेलन में पहुंचे थे। उन्होंने भी अपनी तरफ से कहा है कि वे यहां रहें, हमें कोई तकलीफ नहीं है। किसान नेताओं ने कहा कि जो आपस के गिले-शिकवे हैं, वे मिल बैठकर दूर कर लेंगे। सहमति बनी है कि निहंग जत्थेदारियों व मोर्चा के 3-3 सदस्यों की एक कमेटी बनाई जाएगी, जो मसले का हल करेगी। मोर्चा में कुछ शरारती तत्व घुस गए हैं, जो मोर्चे को खत्म करना चाहते हैं।