सोनीपत, 18 फरवरी (निस)
सैन्य सेवाओं में जाने का सपना पाल रहे विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। अब स्कूली पाठ्यक्रम में एनसीसी को शामिल किया जा रहा है। देशभर के सभी 137 आर्मी स्कूलों और 7 आर्मी इंस्टीट्यूट में नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) को इलेक्टिव सब्जेक्ट के रूप में लागू करने का निर्णय लिया है। आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी इंस्टीट्यूट (एडब्ल्यूईएस) के एमडी (प्रबंध निदेशक) मेजर जनरल आरके रैना की मंजूरी के बाद डायरेक्टर (स्कूल) कर्नल एसए वर्ती ने नोटिफिकेशन जारी किया है।
मोतीलाल नेहरू स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स, राई-सोनीपत (एमएनएसएस) के प्रिंसिपल एंड डायरेक्टर कर्नल अशोक मोर के प्रयासों के बाद अब एडब्ल्यूईएस के एमडी ने देशभर के 137 आर्मी स्कूलों और इंस्टीट्यूट में एनसीसी को इलेक्टिव सब्जेक्ट के रूप में लागू करने के आदेश जारी किए हैं। आर्मी इंस्टीट्यूट में नर्सिंग स्कूल, मेडिकल कॉलेज, आर्मी लॉ कॉलेज आदि शामिल हैं। स्पोर्ट्स स्कूल में कर्नल मोर एनडीए (नेशनल डिफेंस एकेडमी) की ट्रेनिंग शुरू करवा चुके हैं। यहां विद्यार्थियों की कक्षाएं शुरू हो गई हैं।
उन्हें लिखित परीक्षा के लिए तैयार किया जा रहा है ताकि सैन्य सेवाओं में विद्यार्थियों को बेहतर मौके उपलब्धि हो सकें। इतना ही नहीं, स्कूल में एनसीसी विद्यार्थियों की प्रेक्टिस और एसएसबी के लिए ऑब्स्टैकल्स भी तैयार करवाया जा चुका है। यह एक तरह का आर्मी ट्रेनिंग सेंटर है, जिसमें एनसीसी के विद्यार्थी प्रेक्टिस कर सकेंगे।
देश में एनसीसी की शुरुआत 16 जुलाई, 1948 को हुई। एनसीसी का मुख्यालय नयी दिल्ली स्थित है। स्कूल एवं कॉलेजों में एनसीसी स्वैच्छिक आधार पर चल रही थी। अब आर्मी स्कूलों में इसे सब्जेक्ट के तौर पर लागू करने से इसका महत्व और बढ़ेगा।
पुलिस में भर्ती के लिए भी 5 अंकों की छूट
हरियाणा, दिल्ली व चंडीगढ़ पुलिस में भर्ती के दौरान भी एनसीसी सर्टिफिकेट हासिल करने वाले विद्यार्थियों को 5 अंकों का अतिरिक्त लाभ मिलता है। इसी तरह से भारती सुरक्षा बल, सीआरपीएफ सहित अर्धसैनिक बलों की भर्तियों में भी एनसीसी कैडेट्स को तवज्जो मिलती है।
5 साल अनिवार्य रही एनसीसी ट्रेनिंग
1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद एनसीसी ट्रेनिंग को 1963 में अनिवार्य कर दिया था। 1968 में इसे खत्म करके फिर से स्वैच्छिक बनाया गया। एक और रोचक पहलू यह है कि 1965 और 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान एनसीसी कैडेट सेना को हथियार, गोला-बारूद आदि की आपूर्ति करते थे।
तीनों सर्टिफिकेट के बाद एग्जाम की जरूरत नहीं
एनसीसी में 3 लेवल के सर्टिफिकेट होते हैं। लिखित परीक्षा के बाद ‘ए’, ‘बी’ और ‘सी’ सर्टिफिकेट मिलते हैं। जिस विद्यार्थी के पास ये तीनों सर्टिफिकेट हैं उसे एनडीए की लिखित परीक्षा से छूट मिल जाती है। वह सीधे एसएसबी के लिए मान्य हो जाता है। वह आर्मी में सीधे ही सैनिक पद पर भर्ती हो सकता है। स्कूल प्रबंधन ने विद्यार्थियों को सैन्य सेवाओं के प्रति जागरूक करने और उन्हें थलसेना, जल सेना और एयरफोर्स में बेहतर मौके मुहैया करवाने के लिए यह पूरी कवायद की है।
“यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसायटी इंस्टीट्यूट ने आर्मी स्कूलों में एनसीसी को इलेक्टिव सब्जेक्ट के रूप में लागू करने का निर्णय लिया है। 2022-23 के सत्र से इसकी शुरुआत हो जाएगी।”
-कर्नल अशोक मोर, प्रिंसिएल एंड डायेक्टर, स्पोर्ट्स स्कूल राई