ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 27 जनवरी
हरियाणा के हर गांव पर अब ‘सरकारी नज़र’ होगी। राज्य के सभी गांवों में ‘ग्राम संरक्षक’ नियुक्त होंगे। सरकार में क्लास-वन अधिकारियों को यह जिम्मा दिया जाएगा। अहम बात यह है कि इस काम के लिए अधिकारियों को खुद ही रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। हर अधिकारी को कम से कम एक गांव को गोद लेना होगा। यह संबंधित अधिकारी पर निर्भर करता है कि वे किस गांव को गोद लेता है। विकल्प नहीं देने वाले अधिकारियों के गांवों का फैसला सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ‘ग्राम संरक्षक’ योजना के लिए ऑनलाइन पोर्टल लांच कर दिया है। इंटरा एचआरवाई डॉट जीओवी डॉट इन (www.intrahry.gov.in/) क्लास-वन अधिकारियों को रजिस्ट्रेशन करवाने को कहा है। सीएम ने कहा कि गांव व वार्ड स्तर पर लोगों की समस्याओं के समाधान व गांवों में व्यवस्थागत व ढांचागत विकास के लिए ग्राम संरक्षक कार्यक्रम की शुरूआत की है। ग्राम संरक्षक बनने वाले अधकिारी गांवों के विकास के संबंध में मुख्य बिंदुओं को नोट कर उसकी जानकारी जिला प्रशासन व सरकार तक पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे।
सीएम ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये क्लास-वन अधिकारियों से बातचीत की। कई अधिकारियों के साथ उन्होंने फोन पर भी संवाद किया। सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय की भावना के साथ काम कर रही है। पिछले सात साल में जनहित में अनेक योजनाएं व कार्यक्रम शुरू किए हैं। इनमें शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास, कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना, एक जिला एक प्रोडक्ट विकसित करना, पेंशन योजनाएं, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, स्वामीत्व योजना, हर घर नल से जल, परिवार पहचान पत्र, मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना आदि प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि समाज ने सभी को बहुत कुछ दिया है। एक अधिकारी के रूप में सभी का दायित्व है कि वे समाज के प्रति अपने दायित्व को समझें और उसकी भलाई के लिए कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम संरक्षक कार्यक्रम से ग्राम स्तर पर चल रहे विकास कार्यों व योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी नहीं रहेंगी। जनता को योजनाओं का लाभ त्वरित मिलना संभव होगा। प्रदेश में लगभग 6700 गांव और करीब 2 हजार वार्ड हैं। अगर सभी प्रथम श्रेणी स्तर के अधिकारी एक-एक गांव व वार्ड के संरक्षक बनेंगे तो अधिकारियों की संख्या के हिसाब से हर गांव व वार्ड को कवर किया जा सकता है।
एडीसी होंगे नोडल अधिकारी
जिला स्तर पर ग्राम संरक्षक कार्यक्रम के नोडल अधिकारी अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) होंगे। सभी 22 जिलों में प्रशासनिक सचिव स्तर के अधिकारी को भी नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। ये अधिकारी समय-समय पर सभी गतिविधियों की समीक्षा करेंगे तथा जो भी समस्याएं आएंगी उनका समाधान करेंगे। ग्राम संरक्षक द्वारा भेजे जाने वाले सुझावों को संबंधित विभागों को आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजा जाएगा।
सीएम ने इन अधिकारियों से किया संवाद
सीएम ने कार्यक्रम के तहत क्लास-वन के 14 अधिकारियों से बात की। इनमें एसीएस अनुराग रस्तोगी, कोसली में कार्यरत डॉ़ भूपेश यादव, गुरूग्राम में कार्यरत डॉ़ मोनिका, पानीपत थर्मल में कार्यकारी अभियंता आशीष ढुल, गुरुग्राम से डॉ़ इंदु, होडल के एसडीएम वकील अहमद, प्रतिमा चौधरी, बृजलाल, करनाल से आजाद सिंह, फतेहाबाद से शालिनी चेतल, मनोज कुमार, जयपाल, सिविल अस्पताल अंबाला में कार्यरत डॉ़ पूजा गुप्ता व पंचकूला से हिमांशु गुप्ता शामिल हैं। इस मौके पर सीएम के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, प्रधान सचिव वी़ उमाशंकर, अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ़ अमित अग्रवाल व ओएसडी भूपेश्वर दयाल भी मौजूद रहे।