चंडीगढ़, 8 मार्च (ट्रिन्यू)
प्रदेश के 4 और जिलों पलवल, चरखी दादरी, पंचकूला और फतेहाबाद में सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापित होंगे। इन चारों ही जिलों में वर्तमान में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है। सभी जिलों में कम से कम एक सरकारी मेडिकल कॉलेज के वादे के अनुरूप सीएम ने बजट में यह ऐलान किया है। इतना ही नहीं, 2025 तक राज्य में एमबीबीएस की सीटों को बढ़ाकर 3035 करने का लक्ष्य रखा है। 2015 में इनकी संख्या 700 थी। चारों नये मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) का काम अगले 3 महीने में शुरू होगा। इससे पहले भिवानी, जींद, महेंद्रगढ़, सिरसा और यमुनानगर में मेडिकल कॉलेज का सरकार फैसला कर चुकी है।
महेंद्रगढ़, भिवानी, जींद और गुरुग्राम में मेडिकल कॉलेज तथा नूंह के शहीद हसन खां मेवाती मेडिकल कॉलेज में डेंटल कॉलेज पर पहले से काम चल रहा है। इन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण पर 2600 करोड़ की लागत आएगी। फरीदाबाद में अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज इसी साल पूरी तरह से चालू होगा। करनाल स्थित कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज का विस्तार करने की भी सरकार की योजना है।
पीएचसी से मेडिकल कॉलेज में टेली-कंसल्टेशन : टेलीमेडिसन सेवाओं को सरकार बढ़ावा देगी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को जोड़ने वाले मेडिकल कॉलेजों के साथ टेली-कंसल्टेशन रेफरल सेवाएं शुरू होंगी। इससे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आने वाले रोगियों को रैफर करने की क्षमता प्रदान की जा सकेगी।
3 लाख आय वाले दिव्यांग भी आयुष्मान में
प्रदेश सरकार ने सालाना तीन लाख रुपये तक आय वाले दिव्यांगों को भी आयुष्मान भारत योजना में शामिल करने का ऐलान किया है। इतना ही नहीं, 1 लाख 80 हजार रुपये तक की सालाना आय वाले सभी परिवारों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके तहत परिवार को सालाना पांच लाख रुपये तक की कैशलेस मेडिकल सुविधा मिलेगी। प्रदेश के उन गरीब परिवारों का सरकार साल में दो बार हेल्थ चैकअप कराएगी, जिनकी सालाना आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है।
सभी मेडिकल कॉलेजों में खुलेंगे नर्सिंग कॉलेज
अब सभी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग कॉलेज भी खुलेंगे, जिससे पैरा-मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर किया जा सके। इसके अलावा, फरीदाबाद, रेवाड़ी, कैथल, कुरुक्षेत्र और पंचकूला में बनाए जा रहे नर्सिंग कॉलेजों के लिए 194.3 करोड़ रुपये सीएम ने अलॉट किए हैं।
उपमंडल पर 100-100 बेड के अस्पताल : प्रदेश के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को भारतीय जनस्वास्थ्य मानकों (आईपीएचएस) के अनुसार अपग्रेड किया जाएगा। तीन वर्षों में यह काम पूरा करने का लक्ष्य है। इतना ही नहीं, प्रदेश के हर उपमंडल पर कम से कम 100 बेड का अस्पताल बनेगा। जिला अस्पताल के नजदीक 40 किमी की दूरी पर उपमंडलों में बनने वाले 100 बेड के अस्पताल ऑक्सीजन सहित तमाम सुविधाओं से लैस होंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को वैलनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इनमें आयुष सुविधाएं तथा पोषण व भोजन से संबंधित मार्गदर्शन सहित सभी सुविधाएं एक छत के नीचे होंगी।
पीजीआई में होगी किडनी ट्रांसप्लांट
रोहतक स्थित पीजीआईएमएस में अब किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा भी होगी। अंग प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू करने की चुनौती को पीजीआई ने स्वीकार किया है। इसी साल यह सुविधा शुरू होगी। वहीं 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगी। टीबी जोखिम आबादी की मैपिंग करके कार्यक्रम चलेगा। हर खंड पर टीबी टेस्टिंग की सुविधा होगी।
विशेषज्ञ डॉक्टरों का अलग से काडर
प्रदेश के डॉक्टरों द्वारा किए गए आंदोलन का असर बजट में देखने को मिला है। सरकार ने विशेषज्ञ डॉक्टरों का अलग से काडर बनाने का फैसला लिया है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के सेवा नियम और शर्तें भी अलग होंगी। डॉक्टरों को सरकारी सेवाओं में आकर्षित करने के लिए सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमडी और एमएस की 40 प्रतिशत सीटें सरकारी डॉक्टरों के लिए रिजर्व करने का निर्णय लिया है।
समाज के सहयोग से बनेंगे अस्पताल
सरकार ने निजी क्षेत्र के माध्यम से गरीबों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए नीति बनाने का निर्णय लिया है। प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के साथ-साथ मल्टी स्पेशिलिटी अस्पतालों के निर्माण और प्रबंधन के लिए समुदाय की भागीदारी पर आधारित सहभागिता मॉडल तैयार होगा। सीएम ने कहा कि इसको लेकर अगले छह महीने में नीति लागू की जाएगी।
अस्पतालों में बनेंगे वरिष्ठ नागरिक काॅर्नर : प्रदेश के बुजुर्गों के लिए अब सभी जिला नागरिक अस्पतालों में फिजियोथेरिपी इकाइयां स्थापित होंगी। इतना ही नहीं, अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिक काॅर्नर भी स्थापित होंगे। नागरिक अस्पतालों में इलाज के लिए वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
अस्पताल प्रबंधन पर नया पाठ्यक्रम
सरकारी मेडिकल कालेजों में अस्पताल प्रशासन में नया पाठ्यक्रम भी शुरू करने की योजना है। मुरथल के दीनबंधु सर छोटूराम विज्ञान विवि, जेसी बोस इंजीनियरिंग विवि जैसे संस्थानों तथा मेडिकल कॉलेजों के साथ मिलकर चिकित्सा प्रौद्योगिकी, जैव चिकित्सा इंजीनियरिंग में संयुक्त डिग्री पाठ्यक्रम शुरू होंगे। आयुष्मान के तहत उपचार के लिए 250 के करीब प्राइवेट अस्पतालों को पैनल पर लिया हुआ है। समय पर बिलों का भुगतान नहीं होने से उपचार में आ रही परेशानी को दूर करते हुए सीएम ने कहा कि अस्पतालों द्वारा दिए जाने वाले बिलों की कुल राशि में से 75 प्रतिशत का भुगतान 15 दिन के भीतर होगा। बाकी पैसा दस्तावेजों के सत्यापन के बाद दिया जाएगा।
अस्पतालों में रेस्तरां व विश्राम गृह
मरीजों की सहायता के लिए अब अस्पतालों में सहायक होंगे। बोर्डिंग-लोजिंग का प्रबंध रहेगा। सभी मेडिकल कॉलेजों एवं नागरिक अस्पतालों में रेस्तरां होंगे ताकि पौष्टिक व शुद्ध भोजन मरीजों व उनके तीमारदारों को मिल सकें। कमरों का भी प्रबंध होगा और डोरमेट्री वाले विश्राम गृह बनेंगे। इस काम में सरकार समाजसेवी संगठनों की भी मदद लेगी। प्रदेश के बड़े गांवों तथा नगर पालिका वाले शहरों में प्राइवेट अस्पतालों, नर्सिंग होम व क्लिनिक के लिए सरकार डॉक्टरों को वित्तीय मदद देगी। यहां अस्पताल बनाने वालों को तीन साल की अवधि के लिए 2 प्रतिशत की ब्याज पर कर्जा दिया जाएगा। रक्तदाताओं के लिए मोबाइल इकाइयां शुरू होंगी।