महावीर गोयल/वाप्र
पानीपत, 10 जुलाई
औद्योगिक संगठनों की मांगों को संज्ञान में लेते हुए कपड़ा मंत्रालय ने एजो डाइंग कपड़ों पर रोक लगा दी है। अब केंद्रीय लैब में चीन से आने वाले कपड़े की टेस्टिंग शुरु हो गई है, ताकि एजो फ्री डाइंग कपड़ा ही देश में आ सके। एजो डाइ करने पर जो केमिकल प्रयोग में लाए जाते हैं उनसे चमड़ी की बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। इसके साथ ही उद्यमियों की मिस डिकलेरेशन संबंधी शिकायतों पर काम शुरू हो गया है। विदेश से विशेषकर चीन से आने वाले कपड़े के कंटनेरों की जांच पोर्ट पर शुरू हो चुकी है। इससे कम बिल पर माल आने, ड्यूटी चोरी को रोकने के लिए मिस-डिकलेरेशन पर सख्ती की गई है। इन कदमों से शहर के कंबल उद्योगों में नयी जान सी आ गई है।
मिंक कंबल सहित थ्री-डी चादर कारोबारियों को राहत
मिस-डिकलेरेशन पर उठाए सख्त कदमों से पानीपत में मिंक, फ्लालेन कंबल सहित थ्री-डी चादर मैन्युफैक्चर्स को बड़ी राहत मिली है। अब चीन से आने वाला सस्ता कपड़ा यहां डंप नहीं होगा। यहां के उद्योगों का कंबल बिकने में परेशानी नहीं आ रही है।
2 हजार करोड़ का कारोबार
पानीपत में मिंक कंबल, फ्लालेने कंबल सहित थ्री -डी चादर बनाने के 250 यूनिट लगे हुए हैं। जिनका 2000 करो़ड़ से अधिक का टर्न ओवर है। चीन से सस्ता कपड़ा लाकर मिंक कंबल चादर बना कर बेचने से यहां के उद्योग बंद होने के कगार पर पहुंच रहे।
‘16 जुलाई से अच्छा चलेगा कारोबार’
कंबल निर्माता बापौली जोन इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन के प्रधान नवीन बंसल ने बताया कि सरकार की सख्ती के कारण पानीपत का कंबल उद्योग बच जाएगा। वर्तमान समय में बारिश अधिक होने व हरिद्वार से कावड़ लाने के कारण उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में आने जाने के रास्ते बंद, इसीलिए कंबल, चादर की डिलिवरी कम हो रही है। मांग निकलना शुरू हो चुका है। 16 जुलाई के बाद बाजार अच्छा चलने की उम्मीद है। मिंक कंबल का भाव 170 से 210 रुपये प्रति किलो चल रहा है। थ्री डी का भाव 35 से 60 रुपये मीटर अलग-अलग वैरायटी का चल रहा है। काफी समय से पोलियस्टर यार्न के भाव 110 रुपये किलो पर स्थिर बने हुए है।