करनाल, 7 अप्रैल (हप्र)
नगर निगम द्वारा स्थापित किये जा रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से उपचारित पानी को खेतों में प्रयोग करने के प्रोजेक्ट पर सिंचाई विभाग ने काम शुरू कर दिया है।
इसे करनाल ट्रीटेड वेस्ट वाटर माइक्रो इरिगेशन प्रोजेक्ट नाम दिया गया है। शहर के सेक्टर-4 स्थित 50 एमएलडी क्षमता के ट्रीटमेंट प्लांट से प्रतिदिन 46 मीलियन लीटर उपचारित पानी से इसके आस-पास लगते 11 गांवों की 6 हजार एकड़ भूमि सिंचित हो सकेगी। इस प्रोजेक्ट में 56 करोड़ 18 लाख की राशि खर्च होगी। एसटीपी से उपचारित पानी का प्रयोग जिन गांवों में किया जाएगा, उनमें रांवर, ऊंचा समाना, पीपल वाली, शेखपुरा, गंजोगढ़ी, अलीपुर माजरा, रसूलपुर, कैरवाली, कुटेल और दादुपुर रांगडान शामिल हैं।
नगर निगम आयुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि उपचारित पानी से जिन किसानो की खेती को पानी दिया जाएगा, उनसे जायज शुल्क लिए जाने के बारे में सिंचाई विभाग प्लान करेगा। सिंचाई विभाग की करनाल डिवीजन द्वारा घोघड़ीपुर के पास 10 व 8 एमएलडी के, शिव कॉलोनी व हकीकत नगर क्षेत्र में मुकम्मल हो चुके 2 एसटीपी से उपचारित साढ़े 5 क्यूसिक जल से 2100 एकड़ को सिंचित करने का एक अन्य प्रोजेक्ट भी सिरे चढ़ चुके हैं। निगमायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि वैसे तो नगर निगम की ओर से इसके अधीन क्षेत्र में 6 एसटीपी हैं, जिनमें से सेक्टर-4 स्थित 50 एमएलडी, घोघडीपुर स्थित 10 एमएलडी और आरके पुरम स्थित 8 एमएलडी एसटीपी मुकम्मल हैं और इनमें ग्रे-वाटर को उपचारित किया जा रहा है। फूसगढ़ स्थित 20 एमएलडी एसटीपी व शिव कॉलोनी स्थित 8 एमएलडी के एसटीपी मुकम्मल होने हैं, कम्बोपुरा स्थित 8 एमएलडी का एक अन्य एसटीपी निर्माणाधीन है। इन सभी को मिलाकर एसटीपी से उपचारित पानी की क्षमता 104 मीलियन लीटर प्रतिदिन हो जाएगी। खास बात यह है कि क्षमता के हिसाब से अगले 20 वर्षों में जिले में नये एसटीपी के निर्माण की जरूरत नहीं होगी।