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प्रदेश के छह शहरों में स्थापित होंगे नए औद्योगिक हब

35 हजार एकड़ लैंड के लिए सरकार ने ई-भूमि पोर्टल पर मांगी जमीन
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मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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किसानों की सहमति से ही ली जाएगी जमीन, हाईकोर्ट की दखल से बढ़ी सरगर्मीहरियाणा की नायब सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास की नई पटकथा लिखने की तैयारी शुरू कर दी है। सरकार छह शहरों में बड़े औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने जा रही है, जिसके लिए लगभग 35 हजार एकड़ जमीन की जरूरत होगी। खास बात यह है कि जमीन पारंपरिक अधिग्रहण से नहीं बल्कि किसानों की सहमति और इच्छा से ही जुटाई जाएगी। इसके लिए किसानों से सीधे ई-भूमि पोर्टल पर जमीन की पेशकश मांगी गई है।

ई-भूमि नीति के तहत किसान न केवल जमीन देने या न देने का फैसला करेंगे बल्कि जमीन की कीमत भी भू-मालिक ही तय करेगा। सरकार और किसान के बीच बातचीत व मोल-भाव के बाद सहमति बनने पर ही सौदा होगा। इस प्रक्रिया में न तो कोई दबाव होगा और न ही किसी तरह की अनिवार्यता। हालांकि 35 हजार एकड़ जमीन लेने की इस कवायद पर अब कानूनी पेच फंस गया है। इस मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है और कोर्ट ने सरकार को नोटिस भी जारी कर दिया है। इससे किसानों और राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। सरकार का दावा है कि इस नीति से किसान मजबूरी में नहीं बल्कि बराबरी की शर्तों पर विकास का हिस्सा बनेंगे। वहीं, विपक्ष और किसान संगठनों का कहना है कि इतनी बड़ी मात्रा में जमीन जुटाने की कवायद के पीछे औद्योगिक जरूरतों को किसानों के हितों से ऊपर रखने की आशंका है।

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