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हरियाणा में अपराध का नया चेहरा

लोकल गलियों से अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तक फैला जाल

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हत्या, अपहरण और नशा तस्करी अब केवल लोकल नहीं, संगठित गिरोह विदेशों तक फैले

हरियाणा में अपराध का चेहरा बदल चुका है। अब यह सिर्फ सड़क या मोहल्लों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि संगठित गिरोह और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क राज्य की कानून-व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। विधानसभा में पेश ताजा आंकड़े बताते हैं कि 2018 से जुलाई 2025 तक हत्या, अपहरण, बलात्कार और नशा तस्करी जैसे जघन्य अपराध लगातार बढ़ते रहे हैं।

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सिर्फ संख्या ही नहीं, बल्कि स्वरूप में भी बदलाव आया है। चोरी और डकैती के मामले घटे हैं, लेकिन अपराध तकनीकी और संगठित रूप ले चुका है। साइबर क्राइम, गन कल्चर और नशा तस्करी ने इसे और जटिल बना दिया है। 2017 में स्थापित स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने पहली जनवरी, 2024 से 31 जुलाई, 2025 तक 698 संगठित अपराधी गिरोहों का भंडाफोड़ किया। इन गिरोहों में डकैती, चोरी, अपहरण और अन्य आपराधिक गतिविधियां शामिल थीं।

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जांच में 24 गैंगस्टरों के नेटवर्क विदेशों तक फैले होने की पुष्टि हुई। एसटीएफ ने अब तक 9 बड़े गैंगस्टर विदेशों से लाकर गिरफ्तार किए, 27 इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस और 85 लुकआउट सर्कुलर जारी किए। 21 अपराधियों के पासपोर्ट रद्द किए गए और 4 प्रत्यर्पण अनुरोध भेजे गए। एसटीएफ की यूनिटें साइबर एक्सपर्ट्स से लैस हैं और सोशल मीडिया पर निगरानी रख रही हैं। गन कल्चर बढ़ाने वाले 54 गाने हटाए गए, और कलाकारों को जागरूक किया गया कि वे समाज में अपराध को बढ़ावा न दें।

विधानसभा के मानसून सत्र में भी यह मामला उठा था। कैथल से कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने यह मुद्दा उठाया था। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कांग्रेस के काम रोको प्रस्ताव पर भी सदन में चार घंटे चर्चा हुई थी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का कहना है कि पूर्व की सरकारों में एफआईआर तक दर्ज नहीं होती थी। अब पुलिस हर घटना का केस दर्ज करती है। कानून व्यवस्था पर सरकार पूरी तरह से गंभीर है।

मुख्य अपराध आंकड़े (2018-2025)

हत्याएं: 2018 में 1,104, 2025 (7 माह) में 530

बलात्कार: 2022 में 1,787, 2025 (7 माह) में 663

अपहरण: 2018 में 5,015, 2025 (7 माह) में 2,316

नशा/एनडीपीएस: 2018 में 2,587, 2022 में 3,815, 2025 में 2,138

जनता की भागीदारी और सुरक्षा उपाय

अपराध पर लगाम कसने के लिए एसटीएफ ने जनता से सहयोग लेना शुरू किया है। इसके लिए हेल्पलाइन, व्हाट्सएप नंबर और ऑनलाइन टिप-ऑफ फॉर्म उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही, ‘टारगेट हार्डनिंग’ उपायों के तहत उन पीड़ितों को विशेष सुरक्षा दी जाती है, जो गैंगवार या जबरन वसूली के निशाने पर हैं।

अहम बिंदू

संगठित गिरोहों की संख्या: 698

विदेशी नेटवर्क वाले गैंगस्टर: 24

गिरफ्तार गैंगस्टर (विदेश से): 9

रेड कॉर्नर नोटिस: 27, लुकआउट सर्कुलर: 85

(प्रदेश मुख्यालय के अलावा पलवल, गुरुग्राम, बहादुरगढ़, रोहतक, हिसार, सोनीपत, करनाल व अंबाला में स्पेशल टॉस्क फोर्स एक्टिव है)

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