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लापरवाही करने वाले अधिकारी नपेंगे, क्वालिटी से समझौता नहीं

सीएम ने सिंचाई व पब्लिक हेल्थ विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक
मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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जल निकासी के साथ ड्रेनों और माइनरों की सफाई व गहराई सुनिश्चित करने के आदेश

मानसून से पहले पूरी होंगी लघु अवधि परियोजनाएं, सीएम ने दिखाई सख्ती

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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 12 मई

मानसून सीजन से पहले सिंचाई व पब्लिक हेल्थ विभाग द्वारा लघु अवधि की परियोजनाओं को पूरा करने होगा। इन परियोजनाओं में लापरवाही सहन नहीं होगी। क्वालिटी में किसी तरह का समझौता नहीं होगा। लापरवाह अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को दोनों विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ये निर्देश दिए।

बैठक में बताया कि 30 जून तक सभी ड्रेनों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता और जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सीएम ने कहा कि राज्य में सभी ड्रेनों और माइनरों की तत्काल सफाई सुनिश्चित की जाए ताकि बारिश के दौरान किसी भी प्रकार की जलभराव या बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न न हो।

उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी, मारकंडा नदी और टांगरी नदियों की भी डिसिल्टिंग करके गहराई सुनिश्चित करते हुए रिवर बेड को सुदृढ़ किया जाए। इससे जलधाराओं का प्राकृतिक प्रवाह बना रहे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रेनों आदि में जलकुंभी उगते हैं, उनकी तुरंत सफाई करवाई जाए ताकि जल प्रवाह में कोई बाधा उत्पन्न न हो। सभी बांधों की पूर्व जांच की जाए और यदि कहीं भी कोई कमी या क्षति पाई जाती है तो उसे समय रहते ठीक किया जाए।

उन्होंने कहा कि मानसून से पहले सभी अल्पावधि कार्यों को युद्धस्तर पर पूरा किया जाए और सिंचाई एवं जल संसाधन व जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी स्थानीय जन प्रतिनिधियों और संबंधित उपायुक्त को भी दी जाए। राज्य में खालों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेशभर में 20 वर्ष से पुराने खालों की सूची तैयार की जाए, ताकि उनकी सफाई व मरम्मत की कार्य योजना बनाई जा सके।

यमुना होगी प्रदूषण मुक्त

मुख्यमंत्री ने यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए विशेष दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि यमुना नदी में किसी भी प्रकार का गंदे पानी का नाला न गिराया जाए। जहां-जहां इंडस्ट्रियल वेस्ट नदी में प्रवाहित हो रहा है, वहां तुरंत सीईटीपी (कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) की स्थापना सुनिश्चित की जाए। संबंधित शहरों में सीईटीपी परियोजनाओं के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि सीईटीपी से निकलने वाले शुद्ध जल का उपयोग सिंचाई जैसे कार्यों में भी किया जा सके, इसके लिए एक अलग व्यवस्था की जाए।

रिर्चाजिंग स्ट्रक्चर करें मजबूत

मुख्यमंत्री ने मानसून से पहले सभी वाटर हार्वेस्टिंग और वाटर रिचार्जिंग स्ट्रक्चरों की सफाई और सुदृढ़ीकरण के निर्देश भी दिए ताकि वर्षा जल का अधिकतम संचयन और भूजल स्तर को बेहतर बनाने के प्रयास सफल हो सकें। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि हरियाणा राज्य सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण बोर्ड की बैठक में 282 करोड़ रुपये की लागत की 209 अल्पावधि परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी। इनमें से 103 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है और शेष परियोजनाएं अनुमोदन के विभिन्न चरणों में हैं।

 

 

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