NCR NEWS: गुरुग्राम के आलीशान फ्लैट में बुज़ुर्ग दंपति की बदहाली, आयोग ने दिए कार्रवाई के आदेश
चंडीगढ़, 31 मई (ट्रिन्यू)
NCR NEWS: गुरुग्राम के पॉश इलाके रिजवुड एस्टेट में रहने वाले एक 96 वर्षीय बुज़ुर्ग और उनकी 86 वर्षीय पत्नी की उपेक्षा और दर्दनाक स्थिति पर हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने गंभीर संज्ञान लिया है। आरोप है कि दंपति का अपना ही बेटा उन्हें बेसहारा हालत में छोड़ चुका है। आयोग ने इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) का सीधा उल्लंघन माना है।
इस मामले में आयोग को शिकायत संख्या 470/5/2025 प्राप्त हुई थी, जो कि रिजवुड एस्टेट कंडोमिनियम एसोसिएशन के निवासियों द्वारा दी गई थी। शिकायत में बताया गया कि वृद्ध दंपति की देखरेख के लिए केवल दो अप्रशिक्षित महिला सहायिकाएं हैं और उन्हें कोई चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिल रही। बुज़ुर्ग व्यक्ति को अक्सर पीड़ा में चिल्लाते सुना जाता है, जिससे उनकी पत्नी को मानसिक आघात और अन्य पड़ोसियों को भी मानसिक तनाव हो रहा है।
आयोग का कड़ा रुख
हरियाणा मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने कहा कि यह मामला न केवल मानवाधिकारों का हनन है, बल्कि बुज़ुर्गों की गरिमा और देखभाल की सामाजिक जिम्मेदारी से भी जुड़ा है। उन्होंने कहा कि यदि जांच में यह साबित होता है कि बुज़ुर्गों को जानबूझकर परित्यक्त किया गया, तो उनके बेटे राजेश मित्रा पर वरिष्ठ नागरिक अधिनियम, 2007 की धारा 24 के तहत आपराधिक कार्रवाई हो सकती है।
आयोग ने गुरुग्राम के उपायुक्त को निर्देश दिया है कि वे एक बहु-विषयक टीम का गठन करें, जिसमें गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त, उप-मंडल अधिकारी (SDM), सिविल सर्जन, जिला सामाजिक कल्याण अधिकारी शामिल होंगे। टीम दंपति के चिकित्सकीय, मानसिक और सामाजिक मूल्यांकन करेगी। यह रिपोर्ट और पुनर्वास अथवा दीर्घकालीन देखभाल के लिए कार्य योजना, आयोग के समक्ष 3 जुलाई 2025 को अगली सुनवाई से पहले प्रस्तुत करनी होगी।