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किसानों पर कुदरत का कहर, सरकार की लापरवाही ने बढ़ाया दर्द : सैलजा

फसलों की जल्द गिरदावरी कराकर प्रभावितों को तुरंत मुआवजा देने की मांग

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इकबाल सिंह शांत/निस

डबवाली, 12 अप्रैल 

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हरियाणा के कई जिलों में तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने इस प्राकृतिक आपदा में शासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए तत्काल विशेष गिरदावरी और निष्पक्ष मूल्यांकन की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है और अब सरकार को संवेदनशीलता और तत्परता से कार्य करना चाहिए।

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सैलजा ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार दोपहर बाद बदले मौसम ने किसानों के लिए आफत ला दी। सिरसा सहित 13 जिलों में हुई बारिश और ओलावृष्टि से खड़ी फसलें और मंडियों में रखी उपज भीग गई। खासकर सिरसा में 16 एमएम बारिश हुई, जिससे करीब 95 प्रतिशत गेहूं मंडियों में भीग गया।

सरकार के दावों की खुली पोल

सांसद ने कहा कि प्रदेश सरकार हर वर्ष 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद की तैयारियों का दावा करती है, लेकिन इस बार मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए। नतीजा यह हुआ कि मंडी में पड़ा किसानों का अनाज भीग गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सारी तैयारियां कागजों तक सीमित रहीं, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

13 जिलों में भारी असर

सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, महेंद्रगढ़, कैथल, रेवाड़ी, सोनीपत, यमुनानगर, झज्जर, कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद, करनाल और जींद जिलों में भी मौसम की मार से फसलें प्रभावित हुई हैं। फतेहाबाद में सरसों की बोरियां और गेहूं भीगने से किसान चिंतित हैं और कटाई कार्य भी बाधित हुआ है।

प्रमुख मांगें

  • विशेष गिरदावरी कराई जाए

  • नुकसान का पारदर्शी मूल्यांकन हो

  • प्रभावित किसानों को तुरंत मुआवजा दिया जाए

  • मंडियों में सुरक्षित भंडारण की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित हो

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