रोहतक, 30 जुलाई (निस)
गांव भैंसरु कलां गांव को कभी राष्ट्र स्तर पर सफाई व अन्य मनेरगा के लिए अवार्ड मिला था, लेकिन आज गांव के हालात दयनीय हो गए हैं। जलभराव के कारण बच्चों व स्टाफ को स्कूल के अंदर जाने तक का रास्ता नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत भंग होने के कारण गांव में विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो गए और सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। बार-बार अधिकारियाें को कहने के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
कस्बा सांपला से करीब आठ किलोमीटर पर स्थित गांव भैंसरु कलां की पहचान अलग ही थी। 2010 में गांव को मनरेगा व सफाई को लेकर सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय अवार्ड से पंचायत को नवाजा था। उस समय यह गांव आसपास के गांवों के लिए आदर्श बना था। लेकिन अब हालत बदतर हो गये।
पंचायत भंग होते ही विकास ठप
ग्रामीण राजेंद्र, सतबीर, महेश कुमार, संजय आदि ने बताया कि पंचायत भंग होने के कारण गांव में विकास कार्य बंद हो गए और सफाई व्यवस्था का बुरा हाल हो गया है। गांव की फिरनी पर स्थित संस्कृति मॉडल स्कूल के बाहर जलभराव बच्चों के लिए मुसीबत बना हुआ है। शनिवार को काफी संख्या में ग्रामीण इस समस्या को लेकर एकत्रित हुए और स्कूल की प्राचार्या को इस बारे में एक शिकायत दी और पानी निकासी का प्रबंध करने के लिए गुहार लगाई। गांव के सरपंच रहे सुशील शर्मा का कहना है कि इस बारे में अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और समस्या का समाधान करवा दिया जाएगा।