हिसार (हप्र):
इफ्को नैनो यूरिया (तरल) नैनो तकनीक पर आधारित एक अनूठा उर्वरक है। भारत सरकार द्वारा अनुमोदित विश्व में पहली बारे इफको द्वारा विकसित किया गया है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एसडीओ पवन ढि़ंगड़ा ने बताया कि यह दानेदार यूरिया से अधिक लाभदायक है। इससे वायु एवं जल प्रदूषण नहीं होता। जमीन की उर्वरा शक्ति पर भी कोई नुकसान नहीं होता है। उन्होंने बताया कि इस यूरिया का छिड़काव अनाज, तेल, सब्जी, कपास इत्यादि फसलों में दो बार तथा दलहनी फसलों में एक बार किया जा सकता है। पहला छिड़काव अंकुरण/रोपाई के 30-35 दिन बाद तथा दूसरी छिड़काव फूल/बाली आने के एक सप्ताह पूर्व किया जा सकता है।