चंडीगढ़, 24 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार संयुक्त पंजाब के समय से चले आ रहे 154 कानूनों से ‘पंजाब’ शब्द को हटाकर ‘हरियाणा’ कर चुकी है। वहीं राज्य में डीसी रेट अभी भी पंजाब के हिसाब से ही तय होते हैं। इसी वजह से राज्य के जिलों में डीसी रेट्स में काफी असमानता है। स्थिति यह है कि अम्बाला जैसे विकसित व जीवन यापन के हिसाब से महंगे जिले में भिवानी के मुकाबले डीसी रेट आधे हैं।
अम्बाला शहर से भाजपा विधायक असीम गोयल ने इस मुद्दे पर ही अपनी ही सरकार को घेरा। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक ने खुलासा किया कि डीसी रेट की दरें तय करते समय इससे संबंधित विभिन्न तथ्यों-उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई), किराये की दरें, श्रम लागत को ध्यान में रखकर तय होते हैं। असीम गोयल ने कहा कि अम्बाला में डीसी रेट 70 रुपए प्रति घंटा था, जिसे अब बढ़ाकर 88 रुपए किया है। वहीं कैथल में 115, जींद में 135, करनाल में 132, पानीपत में 136, भिवानी में 141, हिसार में 122 तथा गुरुग्राम में 200 रुपये प्रति घंटा रेट तय है। असीम गोयल ने मांग की है कि डीसी रेट के लिए प्रदेश स्तर पर नीति तय होनी चाहिए।