सुरेंद्र दुआ/निस
नूंह/मेवात, 10 मई
कांग्रेस शासनकाल में 2012 में करीब 550 करोड़ की लागत से बना शहीद हसन खां मेवाती राजकीय मेडिकल कॉलेज नल्हड़ इन दिनों सुर्खियां बटोर रहा है। मेडिकल कॉलेज में एक्स-रे, अल्ट्रसाउंड, हार्ट स्पेशलिस्ट, दिमाग, किडनी, हार्ट, आंत आदि तक के इलाज व अन्य सुविधाएं आदि न होने से विगत दिनों पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में डाली गई जनहित याचिका के तहत दो माह में व्यवस्था पटरी पर लाने के निर्देश जारी हुए हैं।
इसके बावजूद जिलावासियों का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज में मरीज के लिए प्राथमिक व आपात तिथि के लिए कोई माकूल व्यवस्था न होने से वह इलाज अभाव से दम तोड़ रहे हैं। मेडिकल कॉलेज निर्माण काल में घटिया सामग्री, स्टाफ भर्ती व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर लोगों ने विरोध भी किया था। जिला की करीब 15 लाख आबादी को अपने इलाज के लिए सोहना, पलवल, अलवर, भिवाडी, गुरूग्राम, दिल्ली,फरीदाबाद आदि जगहों पर इलाज के लिए भागदौड़ से निजात मिलने की उम्मीद जगी थी लेकिन जिलावासियों का आरोप है कि मेडिकल कॉलेज लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा हैं। जिलावासी सुमित अदलखा, निवर्तमान पार्षद कमल गोयल, राजू कटारिया, सुनील शर्मा, रविन्द्र एलावादी, पंकज कुमार, हारून प्रधान आदि ने बताया कि नल्हड मेडिकल कॉलेज सफेद हाथी साबित हो रहा है यहां नाम बड़े-दर्शन छोटे हैं, अब यह केवल रेफर कॉलेज बनकर रह गया है जो मरीजों का आपात स्थिति में इलाज करने की बजाए रोहतक पीजीआई या दिल्ली रेफर कर रहे हैं जिससे हार्ट के मरीज पूर्ण उपचार न होने की वजह से रास्ते में ही दम तोड़ रहे हैं। जबकि निजि अस्पताल इसका लाभ उठाकर लोगों की जेब काट रहे हैं। अगर मेडिकल कॉलेज में हार्टकेयर सेंटर की सुविधा उपलब्ध हो जाए तो मरीजों को दूर-दराज तक जाने की जरूरत नहीं हैं। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में हार्टकेयर सेंटर के अलावा उचित चिकित्सीय स्टाफ, दवा व उपकरणों की मांग की है।