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छोर-छोर पर छा गये म्हारे छोरे-छोरियां

बहादुरगढ़ के आदित्य विक्रम अग्रवाल ने हासिल किया 9वां रैंक
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बहादुरगढ़ में मंगलवार को 9वां रैंक हासिल करने वाले आदित्य विक्रम अग्रवाल को मिठाई खिलाते उसके माता-पिता व अन्य परिजन। -निस
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रोहित विद्यार्थी/निस

बहादुरगढ़्, 22 अप्रैल

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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा के परिणामों में हरियाणा के छोरे-छोरियों ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए शानदार रैंकिंग हासिल की।

अभिलाष सुंदरम

इसी कड़ी में बहादुरगढ़ के आदित्य विक्रम अग्रवाल ने यूपीएससी में 9वां रैंक हासिल कर टॉप टेन में जगह बनाई। वहीं बहादुरगढ़ के ही रहने वाले अभिलाष सुंदरम ने भी यूपीएससी में 129वां रैंक हासिल किया है। आदित्य विक्रम अग्रवाल का परिवार शहर के सेक्टर-2 में रहता है। आदित्य ने अपनी पांचवीं कोशिश में ये सफलता हासिल की है। वहीं अभिलाष सुंदरम ने पिछली बार 421वां रैंक हासिल किया था। अभिलाष सुंदरम त्रिवेणी स्कूल के संचालक एस. श्याम के बेटे हैं। उन्होंने अपने पिता के सपने को पूरा करते हुए इस बार यूपीएससी में अपना रैंक सुधारा और जंप करते हुए 129वां रैंक हासिल किया।

समालखा (विनोद लाहोट/निस) :

शिवानी पांचाल

गांव भोडवाल माजरी की बेटी शिवानी पांचाल ने 53वां स्थान हासिल किया है। इससे पहले शिवानी पिछले साल एचसीएस परीक्षा में 21वां रैंक हासिल कर चुकी है। वही पिछले साल यूपीएससी परीक्षा पास करके आईएफएस बने गांव आट्टा के हिमांशु कादियान ने इस बार 209वां रैंक हासिल किया है। यूपीएससी में झंडे गाडने वाले बेटी शिवानी पांचाल व हिमांशु कादियान चंदन बाल विकास स्कूल से 2017 के पासआउट है। 2005 में शिवानी जब पांच साल की थी, तब सड़क हादसे में उसके पिता दिलबाग सिंह का निधन हो गया था। मां सविता, जो आंगनवाड़ी वर्कर हैं, ने शिवानी व उसके भाई को पढ़ाया। इसी तरह हिमांशु कादियान का जीवन भी संघर्ष भरा रहा। 26 वर्षीय हिमांशु के पिता नागेन्द्र की मौत उस समय हुई जब वह मात्र डेढ वर्ष के थे।

हिमांशु कादियान
फायर ब्रिगेड अधिकारी की बेटी कशिश का 111वां रैंक
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यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता/हप्र) :

कशिश कालरा ने 111वां रैंक हासिल किया है। कशिश ने अपनी दसवीं की पढ़ाई सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल यमुनानगर से की। जमा दो की पढ़ाई उन्होंने डीपीएस आरके पुरम दिल्ली से की और उसके बाद लेडी श्रीराम कॉलेज में दाखिला लिया। कशिश ने दूसरे प्रयास में यह रैंक हासिल किया है। कशिश की मां कविता और पिता गुलशन कालरा ने बताया कि दसवीं में कशिश ने स्कूल में टॉप किया था। इसी तरह जमा दो में भी वह अव्वल रही।

भिवानी के गांव धनाना के रजत का 236वां रैंक

भिवानी (अजय मल्होत्रा/हप्र) :

गांव धनाना निवासी रजत शर्मा ने 236वां रैंक हासिल किया है। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में यह मुकाम हासिल किया है। रजत शर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व गुरुजनों को दिया है। रजत शर्मा के पिता नरेंद्र शर्मा फतेहाबाद में डीईईओ के पद पर कार्यरत है। रजत शर्मा का परिवार शिक्षित परिवारों में माना जाता है। रजत शर्मा का भाई नवीन शर्मा गुरुग्राम में डिप्टी लेबर कमिश्नर है।

गुहला की बीडीपीओ समिता ने भी की परीक्षा पास

गुहला चीका (जीत सिंह/निस) :

गुहला में बीडीपीओ के पद पर कार्यरत समिता पूंजा कातकड़े ने भी यूपीएससी की परीक्षा पास की है। उन्होंने इस परीक्षा में 687वां रैंक हासिल किया है। समिता महाराष्ट्र के नासिक की रहने वाली हैं और हरियाणा सिविल सर्विस की परीक्षा पास करने के बाद गुहला चीका में पंचायत एवं ग्रामीण विकास अधिकारी के रूप में कार्यरत है। समिता ने बताया कि उन्होंने 2020 में भी प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हो पाई थी। अब दूसरे प्रयास में उन्हें यह सफलता मिली है।

सिरसा के सीटीएम ने हासिल किया 369वां रैंक

सिरसा (आनंद कुमार/हप्र) :

सिरसा के सीटीएम यश मलिक ने 369वां रैंक हासिल किया है। उनकी इस उपलब्धि पर प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें बधाई दी है। नगराधीश यश मलिक, 2023 बैच के एचसीएस अधिकारी हैं, जोकि 10 फरवरी, 2025 से सिरसा में तैनात है। मूल रुप से वे सोनीपत जिले के गांव ईसापुर खेड़ी के रहने वाले हैं और वर्तमान में करनाल में रह रहे हैं। उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री एनआईटी कुरुक्षेत्र से हासिल की है। वहीं सिरसा जिले के डबवाली क्षेत्र के गांव बनवाला के जोगेंद्र सिहाग ने 521वां रैंक हासिल किया है। उनके पिता किसान है तथा मां गृहिणी हैं।

पंचकूला में चमके तनवी और एकांश

पंचकूला में मंगलवार को एकांश को मिठाई खिलाते माता-पिता। -हप्र

पंचकूला (एस. अग्निहोत्री/हप्र) :

सेक्टर-2 निवासी तनवी गुप्ता ने 187वां रैंक हासिल किया है, जबकि एकांश ढुल ने 295वां रैंक हासिल कर शहर का नाम चमकाया। तनवी का यह पांचवां प्रयास था, जबकि पिछली बार वो मात्र एक नंबर से चूक गई थी। उधर भाजपा नेता कृष्ण ढुल के बेटे एकांश ढुल ने पिछली बार 2024 में 342वां रैंक प्राप्त किया था और इस बार उन्होंने रैंकिंग में सुधार किया। एकांश का मानना है कि आत्म-अध्ययन और अनुशासन ही सफलता की असली कुंजी है। एकांश ने भवन स्कूल सेक्टर-27 चंडीगढ़ से 10वीं और संत कबीर स्कूल सेक्टर-26 से 12वीं और श्रीराम कॅालेज ऑफ कॉमर्स दिल्ली से बीए ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की है।

डॉक्टर दंपति की बेटी ध्वनि ने हासिल किया 215वां रैंक

हिसार (कुमार मुकेश/हप्र) :

हिसार के सामान्य अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. रीना जैन की 25 वर्षीय बेटी ध्वनि जैन ने 215वां रैंक हासिल किया है। ध्वनि के पिता डॉ. आदर्श गोयल रेडियोलॉजिस्ट है जबकि छोटा भाई दिव्यांशु आईआईटी दिल्ली से पासआउट है और इस समय साउथ कोरिया में एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत है। ध्वनि जैन ने बताया कि पढ़ाई में निरंतरता आवश्यक है। उसने इसके लिए कोई कोचिंग नहीं ली बस मॉक टेस्ट की प्रेक्टिस करती थी। इसके अलावा प्रतिदिन सात से आठ घंटे घर पर ही तैयारी करती थी। ध्वनि ने पिछली बार भी परीक्षा दी थी और इंटरव्यू तक गई थी लेकिन चयन नहीं हो पाया था।

सोनीपत का जलवा 3 बेटियों समेत 4 ने लहराया परचम

76वां रैंक हासिल करने वाली कल्पना रावत को मिठाई खिलाते उनके पति आईएएस सूर्या प्रताप। -हप्र

सोनीपत (हरेंद्र रापड़िया/हप्र) :

सोनीपत जिले के 4 होनहारों ने यूपीएससी परीक्षा परिणामों में शानदार प्रदर्शन किया है। इनमें दो बेटियां भी शामिल हैं। मुरथल स्थित दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय में डीन एवं प्रो. आरके गर्ग के बेटे डॉ. श्रेयक गर्ग ने 35वां रैंक हासिल किया। डॉ. श्रेयक ने इससे पहले महाराष्ट्र के वर्धा में महात्मा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान से एमबीबीएस की डिग्री भी हासिल की है। इसके अलावा गांव जाजल निवासी कल्पना रावत ने 76वां रैंक हासिल किया है।

डॉ. श्रेयक गर्ग, 35वां रैंक। -हप्र, प्रिया सिवाच, 219वां रैंक। -हप्र, निधि रंगा, 978वां रैंक। -हप्र

खास बात यह है कि कल्पना के पति 2021 बैच के आईएएस अफसर हैं और वतर्मान में बिहार के रोहतास जिले में एसडीएम के पद पर नियुक्त हैं। वहीं, जिले के गांव घड़वाल की प्रिया सिवाच ने 219वां रैंक हासिल किया। बेहद साधारण किसान परिवार में जन्मी प्रिया ने स्कूली शिक्षा गोहाना से पाई। फिर दिल्ली विवि से स्नॉतक करने के बाद प्रतियोगी परीक्षा में जुट गई। निधि रंगा ने 978वां रैंक पाया है। निधि यूं तो परिवार समेत सोनीपत में ही रहती हैं और शिवा शिक्षा सदन की छात्रा रही हैं, लेकिन मूल रूप से वह गांव कैलाना की निवासी हैं।

फरीदाबाद के कनिष्क अग्रवाल 279वें स्थान पर

कनिष्क अग्रवाल। -हप्र

फरीदाबाद (राजेश शर्मा/हप्र) :

फरीदाबाद के कनिष्क अग्रवाल ने 279वां स्थान प्राप्त किया है। सेक्टर-28 में रहने वाले कनिष्क ने यह सफलता चौथे प्रयास में हासिल की है। वह भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में अपना भविष्य संवारना चाहते हैं। कनिष्क ने बताया कि इन्होंने कोरोना काल में सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की थी। कनिष्क ने दिल्ली आईआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की हुई है।

दादा से मिली प्रेरणा : स्वाति फोगाट बिना कोचिंग मिली सफलता : अंकिता श्योराण

स्वाति फोगाट। -हप्र, अंकिता श्योराण। -हप्र

चरखी दादरी (प्रदीप साहू/हप्र) :

चरखी दादरी के गांव मोड़ी निवासी स्वाति फोगाट व गांव धरासरी की बेटी अंकिता श्योराण ने परचम लहराया है। स्वाति फोगाट ने दूसरे प्रयास में 306वां रैंक हासिल किया है। पिता रमेश फोगाट ने बताया कि स्वाति इस समय वनस्थली जयपुर से पीएचडी कर रही हैं। करीब 28 वर्षीय स्वाति के पिता रमेश फोगाट डीपीई पद से रिटायर्ड हैं और माता सुदेश देवी गृहिणी हैं। जबकि स्वाति का छोटा भाई जतीन फोगाट नूंह के नल्लहड़ कालेज से एमबीबीएस कर रहा है। पिता ने बताया कि स्वाति ने अपने दादा प्रताप सिंह नंबरदार से प्रेरणा लेकर सिविल सर्विस में जनसेवा करने का फैसला लिया। दूसरे प्रयास में उन्हें यह सफलता मिली है। वहीं गांव धनासरी निवासी अंकिता श्योराण ने अपने दूसरे प्रयास में बिना किसी कोचिंग के 337वां रैंक हासिल किया।

आदित्य का 492वां रैंक, सीडीएस में था पहला स्थान

मंडी अटेली (मनोज बुल्हान/निस) :

गांव बेगपुर निवासी आदित्य कुमार ने 492वां रैंक हासिल किया। इससे पहले उन्होंने कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) की परीक्षा में देशभर में प्रथम स्थान हासिल किया था। आदित्य के पिता सतीश कुमार भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हैं, माता सुनीता निजी विद्यालय में अध्यापिका हैं, और दादा भी भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं। उन्होंने असिस्टेंट कमांडेंट परीक्षा में भी ऑल इंडिया में 20वां रैंक हासिल किया था।

कार्तिक गोयल को पांचवीं कोशिश में मिली सफलता

नरवाना (नरेन्द्र जेठी/निस) :

कार्तिक गोयल ने 525वीं रैंक हासिल की है। जैसे ही रिजल्ट की खबर आई, उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। कार्तिक को पांच बार की कोशिश के बाद यह सफलता मिली। पहले वह इंटरव्यू में चयन से चूक गए थे। कार्तिक पहले जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड जैसी कठिन इंजीनियरिंग परीक्षाएं भी पास कर चुके हैं। उन्होंने रोजाना 10 से 12 घंटे की सेल्फ स्टडी के जरिए तैयारी की।

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