हिसार, 29 जनवरी (निस)
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित सरसों की उन्नत किस्म आरएच 725 के बीज की किसानों के बीच बढ़ती मांग को देखते हुए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत राजस्थान की ग्रीन स्पेस एग्री प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ समझौता किया। कंपनी बीज तैयार कर किसानों तक पहुंचाएगी, ताकि किसानों को उन्नत किस्म का विश्वसनीय बीज मिल सके और उनकी पैदावार को बढ़ाया जा सके।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ बीआर काम्बोज ने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया शोध किसानों तक ज्यादा से ज्यादा पहुंचे, ताकि उन्हें उन्नत किस्मों का बीज व तकनीक समय पर उपलब्ध हो सके। इसलिए इस तरह के समझौतों पर हस्ताक्षर कर विश्वविद्यालय का प्रयास है कि यहां से विकसित उन्नत किस्मों व तकनीकों को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाया जा सके।
इससे पहले भी महाराष्ट्र के पूणे की कंपनी एग्रो स्टार (यू लिंक एग्री टेक प्राइवेट लिमिटेड) के साथ सरसों की किस्म आरएच 725 के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं
136 से 143 दिन में होती है फसल तैयार
सरसों की आरएच 725 किस्म 136 से 143 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसकी फलियां अन्य किस्मों की तुलना में लंबी व दानों की मात्रा अधिक होती है। साथ ही दानों का आकार भी बड़ा होता है और तेल की मात्रा भी ज्यादा होती है। इस किस्म की पैदावार औसतन 25 क्विंटल से अधिक आंकी गई है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत राजस्थान की ग्रीन स्पेस एग्री प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ किए गए समझौते पर अनुसंधान निदेशक डॉ़ रामनिवास ढांडा, जबकि कंपनी के निदेशक विजय यादव ने हस्ताक्षर किए।