जगाधरी, 8 फरवरी (निस)
अर्से बाद पिछले सीजन में सरसों का बहुत तेज भाव आया था। काली व पीली दोनों तरह की सरसों का रेट बाजार में ज्यादा था। इस बार भी अच्छा भाव मिलने की उम्मीद में किसानों ने सरसों की जमकर बिजाई की। वहीं खराब मौसम ने फसल को लेकर किसानों की चिंता भी बढ़ाई हुई है। हवा व तेज बरसात से इस फसल को भी नुकसान पहुंंचा है।
जानकारी के अनुसार कुछ सालों से सरसों का भाव साढ़े तीन से चार हजार रूपये प्रति क्विंटल चल रहा था। इसके चलते ज्यादातर किसान भाव मंदा होने पर सरसों की खेती से तौबा कर रहे थे। पिछले साल इसके भाव में तेजी रही। बाजार में सात हजार रूपये प्रति क्विंटल के रेट सरसों बिकी। व्यापारियों ने गांव-गांव जाकर सरसों की खरीद की। जानकारी के अनुसार इस बार सरसों का रकबा जिले में डबल के करीब हो गया है। भाव अच्छा रहने की उम्मीद के साथ किसानों को चल रहे खराब मौसम से नुकसान की चिंता भी सता रही है।
”जिले के लेदी, प्रतापनगर, छछरौली, कोट, रादौर एरिया में सरसों की खेती ज्यादा होती है। पिछले साल जिले में 3200 हैक्टेयर रकबे में सरसों की फसल थी। रेट बढ़िया रहने पर किसानों ने 6700 हेक्टेयर रकबे में सरसों की बिजाई कर रखी है। जनवरी व फरवरी में बरसात व हवा से सरसों की फसल को नुकसान भी हुआ है।”
-डा. जसवींद्र सैनी, उप निदेशक, कृषि विभाग