Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

लोकसभा का सेमीफाइनल होंगे नगर निगम चुनाव

2019 में भी निगमों के चुनावी नतीजों ने बदला था प्रदेश का सियासी माहौल
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 5 नवंबर

Advertisement

हरियाणा में लोकसभा चुनाव से पहले नगर निगमों के चुनाव की संभावना है, ऐसा हुआ तो निगम चुनाव लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल होंगे। प्रदेश में तीन नगर निगमों के चुनाव तो पहले से ही लंबित हैं। अब पांच और नगर निगमों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। ऐसे में नये प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी के सामने ये चुनाव पहली और सबसे बड़ी चुनौती होंगे।

2019 के लोकसभा व विधानसभा चुनावों से पहले भी निगमों के चुनावों ने प्रदेश के सियासी माहौल को बदलने में अहम भूमिका निभाई थी। दरअसल, 2018 तक भाजपा के प्रति नकारात्मक माहौल माना जा रहा था। इसे एंटी-इन्कमबेंसी भी कहा जा रहा था। विपरीत परिस्थितियों में भाजपा ने दिसंबर-2018 में पांच नगर निगमों - यमुनानगर, करनाल, पानीपत, रोहतक और हिसार के चुनाव करवाने का निर्णय लिया।

इतना ही नहीं, पांचों निगमों में मेयर के डायरेक्ट चुनाव की शुरुआत भी इन्हीं चुनावों से हुई थी। भाजपा ने पांचों निगमों में मेयर के चुनाव जीते और इससे पार्टी और सरकार के लिए सकारात्मक माहौल बना। पांचों नगर निगमों में जीत हासिल करने के बाद ही जींद का उपचुनाव भी करवाया गया। निगमों के चुनावों के तुरंत बाद जींद उपचुनाव का कार्यक्रम जारी हुआ और जनवरी-2019 में यह उपचुनाव करवाया गया।

पांचों निगमों में हुई जीत का नतीजा यह निकला कि भाजपा ने जींद उपचुनाव में भी कामयाबी हासिल की। इसके बाद राजनीतिक माहौल बदलता चला गया और भाजपा ने 2019 में लोकसभा की सभी दस सीटों पर भी जीत हासिल की। अब एक बार फिर राज्य में चुनावी माहौल बनने जा रहा है। गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगम का कार्यकाल पूरा हो चुका है। फिलहाल दोनों निगम प्रशासकों के हवाले हैं। मानेसर को सरकार ने नया नगर निगम बनाया है और इसके भी चुनाव होने हैं। वहीं दिसंबर में यमुनानगर, करनाल, हिसार, रोहतक और हिसार नगर निगम का कार्यकाल पूरा हो रहा है। ऐसे में सरकार अब 8 नगर निगमों में एक साथ चुनाव करवाने के मूड में है। सिरसा, थानेसर सहित तीन नगर परिषद और 22 नगर पालिकाओं के चुनाव भी लंबित हैं। वार्डबंदी का काम लटकने की वजह से निकायों के चुनाव नहीं हो पा रहे थे। दिवाली तक वार्डबंदी का काम पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद निकाय विभाग की ओर से राज्य चुनाव आयोग को इसकी सूचना दी जाएगी।

संगठन में होगा मंथन : सीएम मनोहर लाल ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि लोकसभा चुनावों से पहले आठ नगर निगमों के चुनाव हो सकते हैं। सीएम नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी को भी इसके लिए तैयार रहने को कह चुके हैं। पिछले सप्ताह सैनी जब अपनी नियुक्ति के बाद सीएम से मिलने पहुंचे तो सीएम ने निगम चुनाव के स्पष्ट संकेत दिए थे। सीएम का कहना है कि जल्द ही संगठन की बैठक होगी और रणनीति तय की जाएगी।

जनवरी में चुनाव संभव

दरअसल निकाय विभाग अगर 15 नवंबर तक भी वार्डबंदी पूरी करके राज्य चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजता है तो इसके बाद आयोग को चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के लिए ढाई महीने का समय चाहिए होगा। इस दौरान मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन होगा। चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद मतदान कराने के लिए भी 25 दिन चाहिए। ऐसे में जनवरी-2024 में शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव होने के आसार हैं।

Advertisement
×