अम्बाला शहर, 5 जुलाई (हप्र)
एसकेएस से संबंधित बहूद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन ने प्रदर्शन के बाद वित्त विभाग द्वारा जारी एकमुश्त वेतन देने की एडवाइजरी को रद्द करने की मांग को लेकर सीएम और स्वास्थ्य मंत्री के नाम सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह को ज्ञापन सौंपा गया।
प्रदर्शन की अध्यक्षता जिला प्रधान प्रीति ने की। एसकेएस के राज्य महासचिव सतीश सेठी ने कहा कि महिला एमपीएचडब्ल्यू सहित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत हजारों कर्मचारियों को मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार सातवें वेतन आयोग का पारितोषिक देने की बजाय एकमुश्त वेतन दिए जाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं जो निंदनीय है। राज्य नेता पाल कौर ने कहा कि एनएचएम में कार्यरत महिला एमपीएचडब्ल्यू के कैडर के सातवें वेतनमान का लाभ प्रदान करें ताकि महिला एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारी सहित अन्य में कार्यरत प्रदेश के 13000 कर्मचारी आर्थिक व मानसिक रूप से सशक्त होकर स्वास्थ्य सेवाएं आम जन तक पहुंचा सके। इस मौके पर महावीर पाई के अलावा, राज्य वरिष्ठ उपप्रधान कांता रानी, जिला कोषाध्यक्ष रीतू गीता रानी, ममता, सुरिंदर कौर, अंजू बाला वर्षा विकास कुमार अशोक कुमार मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग में एनएचएम निदेशक के बीच 1 जून को हुई बैठक में एनएचएम के अंतर्गत लगे सभी अनुबंधित कर्मचारियों को फिक्स वेतनमान देने के प्रस्ताव को रद्द किया जाए।
एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत एमपीएचडब्ल्यू फीमेल को एमपीएचडब्ल्यू कैडर के मूल वेतन मान एफ पीएलसी का लाभ दिया जाए। एनएचएम के अंतर्गत कार्यरत एमपीएचडब्ल्यू फीमेल सहित सभी कैटेगरी के कर्मचारियों की सेवाएं नियमित की जाएं। नियमित किए जाने तक प्रदेश सरकार के रेगुलर कर्मचारी को मिलने वाले सेवन पे कमीशन अनुसार वेतन वार्षिक वेतन वृद्धि व सभी प्रकार के भत्तों एवं अन्य सभी सुविधाएं एनएचएम कर्मचारियों को भी प्रदान की जाए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत महिला एमपीएचडब्ल्यू सहित सभी एनएचएम कर्मचारियों को कोविड.19 में पिछले 2 साल से लगातार काम के प्रोत्साहन हेतु आप महोदय द्वारा घोषित विशेष कोविड.19 दिया जाए आदि।