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एमएससी पास किसान, बागवानी से हुआ मालामाल

आर्गेनिक खेती कर बने प्रेरणा स्त्रोत । यू ट्यूब देखकर सरकार की योजनाओं का उठाया लाभ
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चरखी दादरी के गांव मिर्च निवासी बलराज सिंह हाई टेक्नोलॉजी ट्रैक्टर के साथ खेतों में काम करते हुए। -हप्र
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प्रदीप साहू/हमारे प्रतिनिधि

चरखी दादरी, 8 मार्च

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कहते हैं जब किसी को ठोकर लगती है तो आगे बढ़ने के रास्ते भी मिल जाते हैं। कुछ ऐसा ही गांव मिर्च निवासी प्रगतिशील किसान बलराज सिंह के साथ हुआ। एमएससी पास और डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले बलराज को हालात के चलते परिवार के पालन-पोषण के लिए बागवानी शुरू करनी पड़ी। पहले भाई और फिर पिता की मृत्यु के बाद तीन साह पहले बागवानी का रास्ता चुना और अब लाखों कमा रहे हैं। इतना ही नहीं वे अपने खेत में आग्रेनिक खाद तैयार करते हैं। इस काम के लिए उन्होंने नवीनतम तकनीक और सोशल मीडिया का भी सहारा लिया। यूट्यूब पर जानकारी हासिल कर सरकार की योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं। बलराज सिंह ने 5 एकड़ में बागवानी शुरू की थी और अब इसका दायरा 7 एकड़ है। बलराज ने अपने खेत में सेब, केला, आम, खजूर वाला पपीता, अमरूद, नींबू, संतरा समेत कई फलों के पेड़ लगा रखे हैं। उन्होंने यूट्यूब पर बागवानी से संबंधित सरकारी योजनाओं की जानकारी ली और उसका फायदा उठाया। सरकार की ओर से पैक हाउस बागवानी और अन्य यंत्रों पर भी उन्हें सब्सिडी मिली है। उन्होंने दक्षिण कोरिया से हाई टेक्नोलॉजी ट्रैक्टर भी मंगवाया है और उसका भरपूर फायदा उठा रहे हैं। कृषि विशेषज्ञ चंद्रभान श्योराण ने बताया कि सरकार की योजनाओं का किसानों को फायदा मिल रहा है। युवा अब नौकरी करने की बजाये आधुनिक खेती कर अच्छी कमाई कर रहे हैं। किसानों को सरकार की योजनाओं का फायदा लेना चाहिए।

बागवानी पर भी ध्यान दें किसान

बलराज सिंह ने बताया कि एमएससी करने के बाद उसने कई काम-धंधे में हाथ डाला लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। किसानों को खेती के साथ-साथ बागवानी भी करनी चाहिये, जिससे किसानों को भरपूर फायदा मिलेगा। अब वह डाक्टर बनने की बजाये प्रगतिशील किसान बनकर अपने परिवार का पालन-पोषण बेहतर ढंग से कर रहे हैं। आग्रेनिक खेती से उन्हें मन को शांति भी मिलती है और महसूस होता है कि वे लोगों के स्वास्थ्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि भाई व पिता के जाने के बाद सरकार की योजनाओं का अध्ययन किया और उसका फायदा उठा रहे हैं।

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