6 को प्रदेशभर में एमपीएचडब्ल्यू कर्मचारी करेंगे प्रदर्शन
राज्य स्तरीय पदाधिकारियों की जूम मीटिंग के बाद एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष शर्मिला देवी, महासचिव सहदेव आर्य और उपाध्यक्ष सुदेश रानी ने बताया कि महिला एमपीएचडब्ल्यू वर्ष 1998 से आमजन की सेवा में जुटी हैं, लेकिन सरकार ने अब तक उनकी आधारभूत मांगों को नजरअंदाज किया हुआ है।
उन्होंने कहा कि बार-बार पत्राचार और मांगों पर सहमति बनने के बावजूद कर्मचारियों के साथ शोषण जारी है। सुप्रीम कोर्ट के ‘समान कार्य, समान वेतन’ के आदेश के बावजूद ये महिलाएं नाममात्र वेतन पर काम करने को मजबूर हैं। उन्हें न तो नियमित कर्मचारियों की तरह ड्रेस अलाउंस, यात्रा भत्ता मिलता है और न ही सेवानिवृत्ति पर सम्मानजनक राशि का कोई प्रावधान है।
एसोसिएशन के राज्य प्रवक्ता संदीप कुंडू ने बताया कि छह नवंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर सिविल सर्जन कार्यालयों के बाहर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा और मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। यदि सरकार ने इस बार भी मांगों पर अमल नहीं किया तो एसोसिएशन कड़े निर्णय लेने को बाध्य होगी।
