कुमार मुकेश/हप्र
हिसार, 5 अप्रैल
हिसार के महाराजा अग्रसैन नागरिक अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी के हवाले से राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा को लिखे एक पत्र की माने तो यहां पर मरीजों को दवाइयों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए सांसद ने एमपी लैड से 20 लाख रुपये देने की घोषणा भी कर दी लेकिन सिविल सर्जन से हुई बातचीत का हवाला देते हुए हिसार उपायुक्त ने अस्पताल में दवा की कमी की बात से इनकार किया है।
वहीं हिसार के कोविड योद्धा और स्वास्थ्य विभाग के बायोलॉजिस्ट डॉ. रमेश पूनिया ने अपनी एक पोस्ट में दावा किया है कि एमपीलैड की ग्रांट से दवाइयां खरीदी ही नहीं जा सकती। सांसद को लिखे पत्र के बारे में उन्होंने कहा कि पीएमओ छुट्टी पर है, उनके किसी कर्मचारी ने इस बारे में पत्र लिखा है। विभाग का दावा इसी बीच स्वास्थ्य विभाग के बायोलॉजिस्ट डॉ. रमेश पूनिया ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट कर दावा किया कि एमपीलैड की ग्रांट से दवाइयां नहीं खरीदी जा सकती।
यह है मामला
मामले के अनुसार 3 अप्रैल को राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा ने हिसार के नागरिक अस्पताल का दौरा किया तो उनके समक्ष दवाइयों की कमी का मुद्दा उठाया गया। इस पर उन्होंने अपनी ग्रांट से 20 लाख रुपये दवा के लिये देने की घोषणा कर दी। इसके अगले ही दिन 4 अप्रैल को नागरिक अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी के हवाले से सांसद को पत्र लिखकर 20 लाख रुपये शीघ्र जारी करने का आग्रह किया गया। यह पत्र दैनिक ट्रिब्यून के पास है जिसमें लिखा गया है कि सांसद ने सिविल सर्जन डॉ. रत्ना भारती की मौजूदगी में अस्पताल में दवाइयों की कमी पर संज्ञान लेते हुए एमपीलैड से 20 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा की।
क्या कहती हैं डीसी
मामले के बारे में जब जिला उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी से बात की तो उन्होंने कहा कि एमपीलैड में दवाइयां कवर होती है या नहीं, यह तो नियमों की पड़ताल के बाद ही कहा जा सकता है लेकिन साथ ही कहा कि उनकी सिविल सर्जन से बात हुई है। उन्होंने दवाइयों की कमी से इनकार किया है।