चंडीगढ़, 27 जनवरी (ट्रिन्यू)
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हुई हिंसा और लाल किले पर हुई घटनाओं की हरियाणा मंत्रिमंडल ने निंदा की है। मंगलवार रात चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें कानून व्यवस्था की समीक्षा की गई और गणतंत्र दिवस के मौके पर हुई घटना को लेकर मंथन किया गया। बैठक के बाद खट्टर ने प्रदेश के लोगों व आंदोलन कर रहे किसानों के नाम अपील भी जारी की।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अब इसके नेताओं के नियंत्रण से बाहर हो चुका है और दिशा भटक गया है। असामाजिक तत्वों द्वारा अराजकता फैलाई जा रही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपने घरों को लौट जाएं। उन्होंने कहा, पूरा मंत्रिमंडल इस बात पर एकमत है कि इस समय प्रदेश की जनता मिलकर असामाजिक तत्वों के नापाक इरादों को विफल करे और देश व प्रदेश में शांति बनाए रखने में सहयोग दे।
सीए ने कहा है कि लाल किले पर राष्ट्र ध्वज के अलावा किसी और ध्वज का फहराया जाना कोई भी भारतीय बर्दाश्त नहीं कर सकता। ऐसा करना उन महान स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों का अपमान है, जिन्होंने लाल किले पर तिरंगा फहराने के लिए कुर्बान दी। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने हमें आजादी इस तरह की अराजकता फैलाने के लिए नहीं दिलवाई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान संगठनों ने दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए गहन आश्वासन दिये थे, लेकिन इस घटनाक्रम ने साबित कर दिया है कि आंदोलन का नेतृत्व उन हाथों में चला गया है, जिनकी कथनी और करनी में अंतर है। अब किसान भाइयों को इस विषय पर गहन विचार करना चाहिए कि यह आंदोलन किस दिशा में जा रहा है। लोकतंत्र में मतभेदों को दूर करने की पर्याप्त गुंजाइश है, इसलिए सभी मतभेदों को मिल-बैठकर दूर किया जा सकता है।
सख्ती के मूड में सरकार, पल-पल ले रही अपडेट
लाल किले पर हुई घटना के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश में ‘हाई-अलर्ट’ जारी कर दिया है। राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों को दो-टूक कहा गया है कि उपद्रवियों व दंगाइयों के साथ सख्ती से निपटा जाए। वहीं, सीएम मनोहर लाल खट्टर पिछले 24 घंटों के दौरान दो बार आला अफसरों से पूरी रिपोर्ट ले चुके हैं। सभी जिलों के डीसी और एसपी को स्पष्ट कहा गया है कि छोटी से छोटी घटना की पल-पल की रिपोर्ट मुख्यालय तक भेजें। मंगलवार की रात कैबिनेट व आला अफसरों के साथ बैठक के बाद बुधवार को भी सीएम ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर अहम बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव विजय वर्धन, सीएम के चीफ प्रिसिंपल सेक्रेटरी डीएस ढेसी, पीएस वी़ उमाशंकर, गृह सचिव राजीव अरोड़ा, डीजीपी मनोज यादव, एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क व सीआईडी चीफ आलोक मित्तल मौजूद रहे। डीजीपी मनोज यादव ने हाई-अलर्ट जारी करते हुए सभी जिला पुलिस कप्तानों को अत्यधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। दंगाइयों व उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के लिए प्रदेश के सभी पुलिस आयुक्तों, रेंज एडीजीपी/आईजी व जिला पुलिस अधीक्षकों को हाई-अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त फोर्स भी लगाई है। पुलिस का खुफिया तंत्र भी स्थिति पर नजर रखे हुए है। डीजीपी ने कहा कि पुलिस अब किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेगी। प्रदेश में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास करने वालों से पुलिस सख्ती से निपटेगी। दंगा करने वालों या अफवाहों के माध्यम से दंगा भड़काने वालों को हिरासत में लेकर उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा, दिल्ली में हिंसा के बाद किसान अपने गंतव्य स्थान की ओर लौट रहे हैं। इसके लिए पुलिस को चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद रहने को कहा गया है। पुलिस सभी लोगों पर पैनी नजर रखते हुए उनकी वापिसी को भी सुनिश्चित करेगी। इस दौरान अगर कोई भी सरकारी कार्यालयों, वाहनों सहित राज्य सरकार की सम्पति को नुकसान पहुंचाने व कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करता है तो पुलिस बल प्रयोग करने से नहीं हिचकेगी।