भिवानी, 17 सितंबर (हप्र)
केंद्र सरकार के 3 किसान अध्यादेशों के विरोध में अखिल भारतीय किसान समिति द्वारा जिला के गांव कोंट में दिया गया धरना जारी रहा। बृहस्पतिवार को धरने की अध्यक्षता लक्की कोंटिया और सरवीण कालीरमन ने की। इस दौरान बसपा ने भी 3 अध्यादेशों को लेकर किसानों के धरने का समर्थन देते हुए पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
किसानों ने धरने पर केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। इस मौके पर प्रदेश सचिव बसपा आशीष कबीर, जिला अध्यक्ष श्रीभगवान दहिया, जिला प्रभारी ज्ञान सिंह बागड़ी, जिला सचिव नरेश अठवाल, जिला कोषाध्यक्ष जोगीराम महेरा व गांव से ही लीला, सोमबीर, जयभगवान, तेजराम, नवीन, राजा मौजूद रहे।
बसपा नेताओं ने बताया कि सरकार लॉकडाउन की आड़ में अध्यादेश लेकर आई है।
वो तीनों अध्यादेश किसानों के विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में किसान मजदूर हो जायेंगे और जो किसान का अस्तितव है वो खत्म हो जाएगा। उन्होंने धरने के माध्यम से सरकार से आग्रह किया कि सरकार अध्यादेशों को वापस ले व किसानों की पिछली खराब हुई फसलों का मुआवजा देने की भी गुहार लगाई।
भाकियू बोली- आंदोलन को खत्म करने की फिराक में है सरकार
बाढड़ा (निस) : कृषि को निजी हाथों में सौंपने की मंशा से लाये गए 3 अध्यादेशों को वापस लेने व खराब फसलों का मुआवजा न देकर सरकार किसानों में आपसी लड़ाई करवा कर उनके जनहित के आंदोलन को खत्म करने की फिराक में है। किसानों पर लाठीचार्ज करने वाली सरकार अब तानाशाही पर उतर आई है लेकिन देश और प्रदेश का किसान अब 20 सितंबर को हरियाणा को जाम कर तानाशाही सरकार को झुकने पर मजबूर कर देगा। यह बात भाकियू महासचिव हरपाल भांडवा ने कस्बे के एसडीएम कार्यालय के समक्ष संचालित धरने पर बैठे आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कही। धरने पर अनके सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने पहुंच कर किसानों को समर्थन देने का एेलान किया। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था कृषि पर निर्भर होने के बावजूद सरकार उनको बड़े बड़े पूंजीपतियों के हाथों सौंपने की मन बनाए हुए है जो भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरे के संकेत हैं। देश में पहली बार ऐसा अध्यादेश लाया गया है जो कृषि को बर्बाद करने पर तुला है।
लेकिन भाजपा जजपा सरकार अन्नदाताओं के हितों की रक्षा करने में विफल नजर आ रही है। तीन सांसदों वाली कमेटी भी पिपली किसान कांड की जांच करवाने, दोषियों पर कार्यवाही करने, किसानों को मुआवजा दिलवाने की बजाए केवल कागजी ब्यानबाजी कर किसानों को झूठे सब्जबाग दिखा रही है।
धरने पर कांग्रेस नेता अमन डालावास, केन्द्रिीय सहकारी के पूर्व चेयरमैन संदीप सांगवान, जिलाध्यक्ष प्रदीप बाढड़ा, नरेश कादयान, ज्ञानवीर सिरसली, ललित स्वामी, आनंद वालिया आदि मौजूद रहे।
क्रमिक अनशन शुरू, प्रचार कमेटियां गठित
हिसार (हप्र) : भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले नयी अनाज मंडी में 3 अध्यादेशों के खिलाफ जारी धरने पर किसानों ने बृहस्पतिवार से क्रमिक अनशन भी शुरू कर दिया। किसान संघर्ष समिति के जिला प्रधान बबलु खरड़ ने बताया कि क्रमिक अनशन के पहले दिन ताऊ हवासिंह भगाना, जिले सिंह खरड़, डालु रायपुर, सुखवीर बिचपड़ी, रामकिशन, मुकेश लोहान नारनौंद, माटर देवेंद्र सोरखी, सतीश माजरा, अजीत नियाणा और शीलु लोहान अनशन पर बैठे। धरने पर किसानों ने कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है। समिति के युवा प्रदेशाध्यक्ष जोगेंद्र मय्यड़ ने कहा कि क्या केवल राजनीतिक पार्टियों को ही रैली करने का अधिकार है, क्या किसान रैली के माध्यम से अपनी आवाज नहीं उठा सकता। किसानाें ने पिपली रैली की तो किसानों पर इस सरकार ने लाठियां बरसा दीं। इस मौके पर पवन शर्मा, रामकिशन, सुनील भानखड़, धर्म सिंह नियाणा आदि मौजूद रहे।
किसानों का धरना 11वें दिन भी जारी
हिसार (हप्र) : किसान सभा का लघु सचिवालय पर चल रहा बेमियादी धरना बृहस्पतिवार को 11वें दिन में प्रवेश कर गया है। धरने की अध्यक्षता आदमपुर तहसील के प्रधान भूप सिंह बजारिणया ने की व संचालन बलराज सिंह टिब्बा दानाशेर ने की। धरने को संबोधित करते हुए जिला सचिव धर्मबीर कंवारी ने कहा कि आज हजारों की संख्या में किसान सभा के कार्यकर्ता कपास मंडी, उचाना में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के कार्यालय का घेराव करने गये। साथ में हिसार लघु सचिवालय पर भी धरना जारी रहा जो कि स्पेशल गिरादवरी करके नुकसान का सही आंकलन करने तथा किसान विरोधी तीन अध्यादेशों को वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही बिजली के निजीकरण का भी विरोध जारी रहेगा। धरने को वेदपाल, सतीश खरकड़ा, रामिदया हिसार, कृष्ण कुमार काजला, वकील हर्ष श्योराण, नत्थूराम असरावां, देवेन्द्र लौरा, सतबीर नम्बरदार मलापुर, विनोद, शमशेर, अमरजीत, बलवान, रमेश आदि ने भी संबोधित किया।