घीया के हाइब्रिड बीज के लिए हकृवि और आईएफएफडीसी में हुआ एमओयू
हिसार, 12 फरवरी (हप्र) चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित घीया की संकर किस्म एचबीजीएच हाईब्रिड-35 किस्म ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है, जिससे कि किसान न केवल इस किस्म की अच्छी पैदावार पा...
हिसार, 12 फरवरी (हप्र)
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित घीया की संकर किस्म एचबीजीएच हाईब्रिड-35 किस्म ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है, जिससे कि किसान न केवल इस किस्म की अच्छी पैदावार पा सकते हैं अपितु अच्छी आमदनी प्राप्त कर अपनी आर्थिक स्थिति को सदृढ़ भी कर सकते हैं। इसी कड़ी में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और इंडियन फार्म फॉरेस्ट्री डेवलेपमेंट को-ऑपरेटिव लिमिटेड (आईएफएफडीसी), हिसार के बीच एमओयू हुआ है। कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज की उपस्थिति में विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.के.पाहुजा और इंडियन फार्म फॉरेस्ट्री डेवलेपमेंट को-ऑपरेटिव लिमिटेड, दिल्ली के एमडी एस.पी सिंह ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इस दौरान इंडियन फार्म फॉरेस्ट्री डवेलेपमेंट को-ऑपरेटिव लिमिटेड, हिसार के डीजीएम मांगेराम भी मौजूद रहे।
इंडियन फार्म फॉरेस्ट्री डेवलेपमेंट को-ऑपरेटिव लिमिटेड, दिल्ली के एमडी एस.पी सिंह ने कहा कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय किसानों से सीधे तौर से जुड़कर उनके उत्थान में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित घीया की एचबीजीएच हाईब्रिड-35 के बीजों को खेत में बोने के बाद इसके फल पहली तुड़ाई के लिए लगभग 55 दिन बाद मंडी में आ जाती है।
हाईब्रिड-35 की विशेषता
-सब्जी विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. एस.के.तेहलान ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित घीया की एचबीजीएच हाईब्रिड-35 की औसतन पैदावार बारिश एवं गर्मी के मौसम में 300-310 क्विंटल प्रति हैक्टेयर आंकी गई है। उपरोक्त किस्म की घीया लंबाई में मध्यम, फलों का छिलका पतला एवं मुलायम होता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ओर से ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. मंजू महता, मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य, एसवीसी कपिल अरोड़ा, डॉ. धर्मबीर दूहन, आईपीआर सेल के प्रभारी डॉ. विनोद सांगवान सहित कंपनी के अन्य अधिकारीगण भी मौजूद रहे।

