दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 21 मई
हरियाणा में शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों का डंका बजने वाला है। बहुत संभव है कि सोमवार को चुनाव कार्यक्रम जारी हो जाए। चुनावों के ऐलान के साथ ही, प्रदेश में आदर्श आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। निकायों के ये चुनाव सत्ताधारी भाजपा-जजपा गठबंधन के साथ विपक्ष के 45 से अधिक विधायकों के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं होंगे। सूत्रों का कहना है कि राज्य चुनाव आयोग ने सोमवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस बुलाने की तैयारी की हुई है।
दरअसल, 18 नगर परिषद और 31 नगर पालिकाओं के चुनाव प्रस्तावित हैं। फरीदाबाद नगर निगम का कार्यकाल भी पूरा हो चुका है, लेकिन वार्डबंदी का काम चलने की वजह से अभी निगम के चुनाव नहीं होंगे। चार दर्जन से अधिक नगर परिषद और नगर पालिकाओं के चुनावों से राज्य के 45 से अधिक हलके सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। अहम बात यह है कि इन हलकों में से 18 में भाजपा के और 16 में कांग्रेस के विधायक हैं। जजपा के छह और चार निर्दलीय विधायकों के हलकों में भी चुनाव हो रहे हैं।
इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला के निर्वाचन क्षेत्र ऐलनाबाद नगर पालिका के भी चुनाव होंगे। भाजपा शुरू से ही निकायों के चुनाव पार्टी सिम्बल पर लड़ती आई है। इससे पहले हुए तीन निगमों, एक परिषद और तीन पालिकाओं के चुनाव भाजपा-जजपा गठबंधन ने मिलकर लड़े थे। इस बार के निकाय चुनावों में दोनों पार्टियां मिलकर चुनावी रण में आएंगी, या फिर अलग-अलग लड़ेंगी, इस पर अभी असमंजस है। अहम बात यह है कि दोनों पार्टियों में दोनों तरह की राय है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस केवल नगर निगम के चुनाव सिम्बल पर लड़ती है। नगर परिषद और पालिकाओं के चुनाव सिम्बल पर लड़ने की परंपरा नहीं है। अभी इस बारे में पार्टी ने फैसला भी नहीं किया है। प्रदेश में हुए नेतृत्व परिवर्तन के बाद राजनीतिक हालात बदले हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस नगर परिषद चुनावों में भी सिम्बल पर प्रत्याशी उतारने का मन बना सकती है। हालांकि रेवाड़ी नगर परिषद के चुनाव में कांग्रेस केवल चेयरमैन का चुनाव सिम्बल पर लड़ने की शुरुआत पहले ही कर चुकी है।
इनेलो द्वारा निकायों के चुनाव सिम्बल पर लड़ने का ऐलान पहले ही किया हुआ है। इस बार के निकाय चुनाव इसलिए भी रोचक होंगे क्योंकि पंजाब में प्रचंड बहुमत के बाद आम आदमी पार्टी भी निकाय चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। अब यह देखना रोचक रहेगा कि निकायों के इन चुनावों में ‘आप’ अपने प्रत्याशी उतारने की हिम्मत जुटाती है या नहीं। चुनावों के नतीजे अगर ‘आप’ के लिए सही नहीं हुए तो उसे लोकसभा व विधानसभा चुनावों में इसका नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।
इनके हलकों में चुनाव
इन नगर परिषदों में चुनावी संग्राम
प्रदेश की 18 नगर परिषद में चुनाव होना है। इनमें गोहाना, होडल, पलवल, सोहना, मंडी डबवाली, चरखी दादरी, झज्जर, जींद, कैथल, हांसी, बहादुरगढ़, नरवाना, टोहाना, नूंह, कालका, नारनौल, फतेहाबाद व भिवानी शामिल है। नगर परिषद चुनावों से इतनी ही विधानसभा सीटें प्रभावित होंगी। इन सीटों में से 9 पर भाजपा, छह पर कांग्रेस और दो पर जजपा विधायक हैं। चरखी दादरी से भाजपा को समर्थन दे रहे सोमबीर सिंह निर्दलीय विधायक हैं।
इन नगर पालिकाओं में होगा शंखनाद
प्रदेश की 31 नगर पालिकाओं का कार्यकाल पिछले साल जून में पूरा हो चुका है। इन पालिकाओं में तरावड़ी, निसिंग, चीका, महम, राजौंद, पिहोवा, उचाना, महेंद्रगढ़, शाहाबाद, घरौंडा, सफीदों, गन्नौर, भूना, बावल, ऐलनाबाद, नांगल-चौधरी, नारायणगढ़, रतिया, बरवाला, समालखा, फिरोजपुर-झिरका, पुन्हाना, असंध, लाडवा, रानियां, इस्माइलाबाद, सढ़ौरा, कुंडली, सीवन, बाढ़डा व बादली शामिल हैं। पालिकाओं से जुड़े हलकों में 9 पर भाजपा, 11 पर कांग्रेस, छह पर जजपा और तीन पर निर्दलीय विधायक हैं। रानियां विधायक चौ़ रणजीत सिंह और नीलोखेड़ी विधायक धर्मपाल गोंदर ने सरकार को समर्थन दिया हुआ है। महम विधायक बलराज कुंडू सरकार के खिलाफ हैं। ऐलनाबाद से अभय सिंह चौटाला विधायक हैं।
हार-जीत तय करेगी लोकप्रियता
निकाय चुनाव के चलते 45 विधायकों की अग्निपरीक्षा होगी। चुनावों में हार-जीत इन विधायकों की लोकप्रियता पर भी असर डालेगी। विधायकों में दुष्यंत चौटाला, जगबीर मलिक, जगदीश नैय्यर, दीपक मंगला, संजय सिंह, अमित सिहाग, सोमबीर सांगवान, गीता भुक्कल, डॉ़ कृष्ण मिढ्ढा, लीला राम गुर्जर, विनोद भ्याना, राजेंद्र जून, रामनिवास सुरजाखेड़ा, देवेंद्र बबली, आफताब अहमद, प्रदीप चौधरी, ओमप्रकाश यादव, चौ़ दूड़ाराम, घनश्याम सर्राफ, धर्मपाल गोंदर, ईश्वर सिंह, बलराज कुंडू, कमलेश ढांडा, सरदार संदीप सिंह, राव दान सिंह, रामकरण काला, हरविंद्र कल्याण, सुभाष गंगौली, निर्मल रानी, सत्यप्रकाश जरावता, अभय सिंह चौटाला, डॉ़ अभय सिंह यादव, शैली गुर्जर, जोगीराम सिहाग, धर्म सिंह छोक्कर, मामन खान इंजीनियर, मोहम्मद इलियास, शमशेर सिंह गोगी, मेवा सिंह, चौ़ रणजीत सिंह, लक्ष्मण नापा, रेणु बाला, मोहन लाल बड़ौली, नैना सिंह चौटाला व कुलदीप वत्स शामिल हैं।