चुलकाना धाम की ध्वज पदयात्रा में 25 हजार से अधिक श्याम प्रेमी होंगे शामिल
पानीपत, 14 मार्च (वाप्र)
आगामी 17 मार्च को 25000 से अधिक श्याम प्रेमी पानीपत से चुलकाना धाम पैदल पहुंच कर दर्शन करेंगे। यह घोषणा वृंदावन ट्रस्ट रजिस्टर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। राष्ट्रीय राजमार्ग 25000 श्रद्धाुलओं से अटा पड़ा होगा। यात्रा एक विशाल झंडा के तले चलेगी। वृंदावन ट्रस्ट के संरक्षक विकास गोयल व अध्यक्ष राकेश बंसल ने कहा की बाबा के चरणों में दो नारियल सभी भक्तों का हाथ लगवा कर चढ़ाए जाएंगे। आवले की एक माला आंवला एकादशी से पूर्व चढ़ाई जाएगी। बाबा के लिए सुगंधित इत्र पुरानी दिल्ली से मंगाया गया है और बाबा का विशाल ध्वज राजस्थान से मंगवाया गया है।
श्याम बाबा के श्रृंगार श्याम बाबा का श्रृंगार कोलकाता के फूलों से किया जाएगा। यह सेवा वृंदावन ट्रस्ट को मिली है। गीता मनीषी श्री ज्ञानानंद महाराज व सांसद संजय भाटिया भूमि पूजन करेंगे। श्री श्याम प्रचार प्रसार सेवा समिति और वृंदावन ट्रस्ट रजिस्टर्ड पानीपत सामूहिक रूप से यात्रियों की वापसी के लिए इंतजाम करेंगे।
फाल्गुनोत्सव की तैयारियां जोरों पर
समालखा (निस) : चुनकट ऋषि लकीसर बाबा की तपोभूमि चुलकाना धाम अब श्रीश्याम बाबा की नगरी के नाम से प्रसिद्ध हो रहा है। यहां फाल्गुन मास में तीन दिवसीय सतरंगी मेला (फाल्गुनोत्सव) 19,20 व 21 मार्च को मनाया जा रहा है। इस बार खास बात यह है कि फाल्गुनोत्सव में 20 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल व केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री अजय भट्ट भी श्याम बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। श्री श्याम मंदिर कमेटी प्रधान रोशन लाल छौक्कर ने फाल्गुन उत्सव को लेकर की जा रही तैयारियां की जानकारी दीं।
17 श्याम प्रेमियों ने की थी पद यात्रा शुरु
विकास गोयल राकेश बंसल हरीश बंसल नवीन गर्ग वरुण सिंगला पुनीत गर्ग आशीष गर्ग दिनेश गर्ग जोगिंदर कुंडू बलदेव गांधी गोरस बंसल यीशु गोयल राहुल गुप्ता विशाल मुकेश गोयल सुनील रावल संजय गोयल ने की थी पदयात्रा शुरु। वर्तमान समय में दिल्ली से लेकर पूरे प्रदेश से लाखों श्याम प्रेमी चुलकाना धाम पैदल पहुंचते हैं। चुलकाना धाम में भी खाटू श्याम की तर्ज पर रिंगज ( मुख्य द्वार) का निर्माण किया जा रहा है। द्वारा की नकाशी शानदार होगी। इसके अतिरिक्त धाम के नजदीक 1100 गज जगह में म्यूजिम बनाया जाएगा। गांव वासियों ने यह जमीन वृंदावन ट्रस्ट को दी है। म्यूजिम के माध्यम में बच्चों को चुलकाना धाम के महत्व का पता लगेगा।