विनोद जिंदल/हप्र
कुरुक्षेत्र, 11 दिसंबर
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की पहचान पूरे विश्व में बन चुकी है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के साथ 25 से ज्यादा देशों के लोग जुड़ चुके हैं और बेसब्री के साथ महोत्सव के आगाज का इंतजार कर रहे हैं। इस वर्ष पर्यटक एवं श्रद्धालु कोविड-19 के कारण केवल दीपदान, अंतर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी, वैश्विक गीता पाठ, संत सम्मेलन जैसे कार्यक्रमों का ही आनंद ले पाएंगे। क्राफ्ट मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से वंचित रहेंगे। एक से 9 दिसंबर तक कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा तैयार की गई महोत्सव की वेबसाइट, ऑनलाइन पेजों पर 25 से ज्यादा देशों के लोग विजिट कर चुके हैं। इन साइट पर कार्यक्रमों और तमाम क्षणों को जानने के लिए 9 दिसंबर तक 1 लाख 14 हजार 132 लोग वेबसाइट को क्लिक कर चुके हैं। ऑनलाइन पेजों पर 1 करोड़ 13 लाख 89 हजार 92 हिट्स मिल चुके हैं।
वेबसाइट का लोग उठा रहे लाभ
डीसी शरणदीप कौर बराड़ ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को यादगार बनाने के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के साथ-साथ राज्य सरकार की तरफ से अथक प्रयास किए गए है। इन प्रयासों के चलते ही अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के लिए बनाई गई वेबसाइट पर 9 दिसंबर तक 1 लाख 14 हजार 132 लोग विजिट कर चुके है। अमेरिका, भारत, मलेशिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, चीन, कुवैत, फिलीपिन, जापान, कतर, रशियन, आस्ट्रेलिया, हंगरी, वियतनाम, ग्रेट ब्रिटेन, फ्रांस, युक्रेन जर्मनी, ब्राजील, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रिका, इटली, रुमानिया, ग्रीस, रिपब्लिक सरबिया आदि देशों के लोगों ने भी केडीबी की वेबसाइट पर शिरकत कर अवलोकन किया है।
चतुर्थ अध्याय की डाली आहुति
अतंर्राष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती समारोह-2020 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आयोजित अठारह दिवसीय विश्व मंगल महायज्ञ के चतुर्थ दिवस श्रीमद्भगवदगीता के चतुर्थ अध्याय की आहुति डाली गई। मातृभूमि शिक्षा मंदिर के बच्चों के बीच गीता संवाद कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। बच्चों को श्रीमद्भगवद्गीता के महत्व के बारे में बताया गया और श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता भी आयोजित हुई। श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता में मनजोत प्रथम, कृष्णा द्वितीय, नकुल तृतीय, आकाश ने सांत्वना पुरस्कार स्थान प्राप्त किया। सभी बच्चों को मातृभूमि सेवा मिशन की ओर से पुरस्कार प्रदान किया गया। मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने श्रीमद्भगवद्गीता में ज्ञान को पुष्ट करने के लिए योगाभ्यास का आदेश दिया जाता है। यद्यपि श्रीमद्भगवद्गीता योग का आदेश देती है फिर भी वह योग के भयानक परिणामों के प्रति जागरूक करती है।