दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 6 जुलाई
हरियाणा सरकार प्रदेश में अनियमित काॅलोनियों को नियमित करेगी, इन काॅलोनियों के अनियमित होने की वजह से जमीन का क्रय-विक्रय भी बंद है और विकास कार्य भी नहीं हो पा रहे। नियमित की जाने वाली इन कॉलोनियों की संख्या 2 हजार से ज्यादा हो सकती है। खट्टर पार्ट-। में राज्य सरकार ने 1300 के करीब काॅलोनियों को नियमित किया था। अब सरकार ने राज्यभर में दो हजार से अधिक कालोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार की इस कवायद को चुनावी राजनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है। प्रदेशभर में ऐसी काॅलोनियों की संख्या काफी अधिक है, जो काफी हद तक विकसित हो चुकी हैं और उनमें हजारों की संख्या में परिवार रह रहे हैं। ऐसी काॅलोनियों के लोग मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। प्रॉपर्टी आईडी सिस्टम लागू होने के बाद से इन काॅलोनियों में जमीन की सौदेबाजी पूरी तरह से बंद हो चुकी है। किसी इमरजेंसी की वजह से अगर कोई व्यक्ति अपना प्लाट या मकान बेचना भी चाहता है तो वह बिक नहीं रहा।
बिक्री में सबसे बड़ी अड़चन प्रॉपर्टी आईडी की वजह से पैदा हुई है। अनियमित काॅलोनियों में प्रॉपर्टी आईडी नहीं बनती। बिना प्रॉपर्टी आईडी के तहसीलों में जमीनों का पंजीकरण नहीं हो पा रहा। यह पूरे प्रदेश में बड़ा मुद्दा बना हुआ है और लोग सरकार का विरोध भी कर रहे हैं। प्रदेश के अधिकांश शहरों में प्रॉपर्टी आईडी के खिलाफ लोग स्थानीय सांसदों व विधायकों के सामने अपनी नाराजगी जता चुके हैं। बताते हैं कि भाजपा के स्थानीय नेताओं की ओर से भी इस संदर्भ में शिकायत की गई है। विधानसभा चुनावों में भले ही सवा साल से अधिक का समय है, लेकिन लोकसभा के चुनाव अगले साल मई में होने हैं। इससे पहले पांच नगर निगमों – यमुनानगर, करनाल, पानीपत, रोहतक और हिसार का कार्यकाल भी नवंबर-दिसंबर में इसी साल पूरा हो जाएगा। गुरुग्राम व फरीदाबाद नगर निगम का कार्यकाल पिछले साल पूरा हो चुका। मानेसर को सरकार ने नया नगर निगम बनाया है। इसी तरह से सिरसा, थानेसर व अम्बाला सदर नगर परिषद के अलावा 20 के लगभग नगर पालिकाओं के चुनाव होने हैं।
सरकार को चुनावों के लिए मैदान में जाना होगा। यह सभी चुनाव चूंकि शहरों से जुड़े हैं, ऐसे में भाजपा किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती। बताते हैं कि चुनावों को नजदीक देखते हुए सरकार ने अनियमित काॅलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है ताकि लोगों की नाराजगी दूर की जा सके। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने इस बात सभी नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं से ऐसी काॅलोनियों की सूची तलब कर ली है। मालूम हो अवैध काॅलोनियां इसलिए अधिक पनप रही हैं, क्योंकि इनमें लाइसेंसशुदा काॅलोनियों के मुकाबले रेट काफी कम होते हैं। लाइसेंसशुदा कालोनियों में प्लॉट लेकर मकान बनाना गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों की पहुंच से बाहर होता है। अनियमित काॅलोनियों को वैध करने का मुद्दा कई बार विधानसभा में भी उठ चुका है। विपक्ष ही नहीं, सत्तारूढ़ भाजपा व जजपा गठबंधन के विधायक भी काॅलोनियों को नियमित करने की मांग उठा चुके हैं। विधायकों का कहना है कि बिल्डर काॅलोनी काटकर और प्लाट बेचकर बाहर हो जाते हैं। इनमें प्लाट खरीदने वाले लोग फंसकर रह जाते हैं। सरकार को अवैध काॅलोनियों पर अंकुश लगाना है तो उसी समय कार्रवाई होनी चाहिए।
सम्मान भत्ता योजना में 45 से 60 आयु वर्ग के लोग शामिल
हरियाणा सरकार ने सम्मान भत्ता योजना के दायरे को बढ़ा दिया है। इससे पहले खट्टर पार्ट-। से ही अविवाहितों और विधुरों को पेंशन देने की बात चल रही थी, लेकिन यह योजना अब सिरे चढ़ी है। अविवाहित महिलाओं व पुरुषों की पेंशन शर्तों के साथ शुरू होगी। 45 से लेकर 60 साल तक की महिलाओं व पुरुषों को ही यह पेंशन मिलेगी। इस कैटेगरी में 1.80 लाख रुपये तक सालाना आय वाले ही पेंशन के हकदार होंगे। पेंशन 2750 रुपये मासिक होगी। इसी तरह 40 से 60 वर्ष आयु वर्ग के विधुरों को सरकार 2750 मासिक पेंशन देगी। यह उन्हीं को मिलेगी, जिनके परिवार की सालाना आय तीन लाख रुपये से कम है। ऐसा नहीं है कि 60 के बाद इन दोनों कैटेगरी की पेंशन बंद हो जाएगी। 60 के बाद सरकार इन सभी वर्गों को वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के रूप में यह राशि देगी। विधवा व निराश्रित महिलाओं को लेकर भी सरकार तय कर चुकी है कि 60 की उम्र के बाद उन्हें भी बुढ़ापा पेंशन में कवर किया जाएगा।
शहरी स्थानीय निकाय और नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा राज्यभर में अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए कानूनों और नीतियों में भी संशोधन की आवश्यकता है। अभी तक लगभग 2000 अनियमित कॉलोनियों की सूची हमारे पास है, जिन्हें नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
-मनोहर लाल, मुख्यमंत्री हरियाणा