मानसून सत्र 22 से, सरकार-विपक्ष में टकराव तय
हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र 22 अगस्त से शुरू होगा। भले ही सत्र छोटा हो, लेकिन माहौल गरम रहने के पूरे आसार हैं। एक ओर, विधानसभा परिसर को किले जैसी सुरक्षा में तब्दील किया गया है, वहीं दूसरी ओर सत्ता और विपक्ष आमने-सामने की रणनीति बना चुके हैं। बेरोजगारी और किसानों का मुद्दा विपक्ष के तेवर को धार देगा तो सरकार अपनी उपलब्धियों और नई योजनाओं को ढाल बनाएगी।
22 अगस्त को सुबह 11 बजे विधानसभा सचिवालय में बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक होगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण समेत बीएसी के सदस्य इसमें शामिल होंगे।
इसी बैठक में सत्र के अंतिम कार्यक्रम पर मुहर लगेगी। प्रो. अशीम कुमार घोष प्रदेश के नये राज्यपाल बने हैं, इसलिए पहले उनका अभिभाषण होगा।
संभावना है कि सत्र 22 से 26 अगस्त तक चलेगा। 23 और 24 अगस्त को शनिवार और रविवार का अवकाश रहेगा, जबकि 25 और 26 अगस्त को सदन की कार्यवाही होगी। इससे एक दिन पहले 21 अगस्त को भाजपा विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें विपक्ष के हमलों से निपटने की रणनीति बनेगी।
विपक्ष के तेवर गरम
कांग्रेस व इनेलो ने सत्र को सरकार के खिलाफ हमलों का मंच बनाने की तैयारी कर ली है। वे एजेंडे भी तय हो गए हैं, जिन्हें मानसून सत्र में उठाया जाना है। एसवाईएल का मुद्दा इस बार भी सदन को गरमा सकता है। बेरोजगारी और युवाओं के भविष्य के साथ लाडो-लक्ष्मी योजना सहित भाजपा के चुनावी घोषणा-पत्र को लेकर विपक्ष सरकार को घेरेगा। कानून व्यवस्था का मुद्दा भी उठेगा। बारिश की वजह से जलभराव और फसलों को हुए नुकसान पर भी गरमा-गरमी देखने को मिल सकती है।
सरकार का पलटवार प्लान
भाजपा सरकार इस सत्र को अपनी उपलब्धियों के प्रचार का मौका बनाएगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हाल ही में लिए गए फैसलों, विकास कार्यों, भर्तियों और नई योजनाओं को सदन में पेश करेंगे। रणनीति यह होगी कि विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया जाए और जनता तक सरकार की ‘जनहितैषी छवि’ को प्रोजेक्ट किया जाए।
स्पीकर ने लिया सुरक्षा तैयारियों का जायजा
सत्र से पहले विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने मंगलवार को उच्च स्तरीय बैठक कर सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया। इस बार सुरक्षा व्यवस्था पहले से कहीं ज्यादा सख्त होगी। मोबाइल फोन और बैग ले जाने पर रोक रहेगी। अगर फोन लेकर जाना भी है तो उसे साइलेंट रखना होगा। केवल अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री के पीएसओ को छोड़कर गनमैन की एंट्री पूरी तरह बंद रहेगी। दर्शक दीर्घा में प्रवेश के लिए प्रति विधायक को केवल एक पास की सुविणा रहेगी। बिना पास किसी भी वाहन अथवा व्यक्ति को प्रवेश नहीं मिलेगा। सुरक्षा कर्मियों को आदेश हैं कि आगंतुकों को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चैम्बरों के बाहर बरामदे तक न आने दें।