नारनौल (हप्र) : जिले में माॅनसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। सोमवार शाम से बारिश का दौर फिर शुरू हो गया। रात भर कभी तेज तो कभी हल्की बरसात होती रही। पिछले 24 घंटों के दौरान नारनौल शहर में 43 एमएम पानी बरसा, जिसके चलते मंगलवार को न्यूनतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं मंगलवार सुबह सात बजे से हुई बरसात के बाद स्कूली बच्चों को स्कूल में पहुंचने में देरी हुई। शहर में हुई 43 एमएम बरसात के कारण कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति भी देखी गई। शहर के सैन चौक, हूडा सेक्टर, पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के पास, नगर परिषद के पास, बहरोड़ रोड, शनि देव मंदिर वाली गली में, पार्क गली व मुख्य बाजार सहित अनेक जगह पानी जमा हो गया। इससे लोगों को आने जाने में परेशानी हुई। उत्तर पर्वतीय क्षेत्रों पर पश्चिमी विक्षोभ के 21 जुलाई को सक्रिय होने से 18 से 25 जुलाई के बीच रुक-रुक कर बारिश की संभावना है। इसके चलते मौसम विभाग ने सम्पूर्ण इलाके में येलो अलर्ट जारी कर दिया है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।