युद्धविराम पर अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे का जवाब दें मोदी : सैलजा
ऐसे में सर्वदलीय बैठक बुलाकर प्रधानमंत्री को वस्तुस्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। चूंकि देश के लोगों के मन में जो सवाल उठा रहे है उनका जवाब जरूरी है। बुधवार को चंडीगढ़ से जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि देश की जो नीति कांग्रेस राज में थी। वही, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी रही, नीति सरकार की नहीं राष्ट्र की होती है।
कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता कभी स्वीकार नहीं की गई और न ही की जाएगी। ट्रंप ने जो भी बयान दिया उसका प्रधानमंत्री को जवाब जरूर देना चाहिए था। किन परिस्थितियों में ट्रंप को मध्यस्थता करने का अधिकार दिया गया। दावा किया जा रहा है कि अमेरिका ने व्यापारिक हितों को देखते हुए भारत को सीजफायर के लिए तैयार किया।
पीएम मोदी से उम्मीद करते है कि वे ट्रंप के इस खुलासे का त्वरित और करारा जवाब देंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया था कि वह कश्मीर पर मध्यस्थता करेंगे लेकिन कश्मीर पर मध्यस्थता हमें स्वीकार्य नहीं है। कश्मीर ऐसा मुद्दा है, जिस पर मध्यस्थता की बात कोई भी भारतीय स्वीकार नहीं कर सकता। पिछली तमाम सरकारों ने यह सुनिश्चित किया कि कश्मीर एक द्विपक्षी मसला है, उसका अंतरराष्ट्रीयकरण संभव नहीं है।