ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 4 जुलाई
प्रदेश सरकार ने विधायकों की शक्तियां बढ़ाते हुए उन्हें पंचायती राज संस्थाओं द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्यों की सिफारिश करने का अधिकार प्रदान कर दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला हुआ कि पंचायती राज के दायरे में आने वाले काम प्रदेश सरकार की सिफारिश पर कराए जा सकेंगे। इन कार्यों के लिए सरकार एकमुश्त ग्रांट प्रदान करेगी।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि विधायक लगातार इस बात को कह रहे थे कि उनकी पावर कम हो गई है, क्योंकि पंचायतों द्वारा किए जाने वाले कामों में विधायकों का हस्तक्षेप खत्म हो गया। सरकार ने इस हस्तक्षेप को बढ़ाकर संबंधित गांव की किसी भी समस्या के समाधान तथा विकास परियोजना को सिरे चढ़ाने की सिफारिश करने का अधिकार विधायकों को प्रदान किया है। बैठक में हरियाणा पंचायती राज नियम 1995 में संशोधन को मंजूरी दी गई है।
अब इन नियमों को हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) नियम 2023 के रूप में जाना जाएगा। नए नियम के अनुसार ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद हरियाणा पंचायती राज अधिनियम के तहत सौंपे गए कार्यों और दायित्वों के लिए अपने फंड का उपयोग करने के लिए अधिकृत होंगे। हालांकि, यह अनिवार्य है कि राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद को प्रदान की गई किसी भी तरह की ग्रांट-इन-एड का उपयोग विशेष रूप से राज्य सरकार द्वारा सौंपे गए विशिष्ट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि संशोधन के अनुसार राज्य सरकार के पास ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद को विशिष्ट कार्यों, कर्तव्यों को पूरा करने या अपने संबंधित धन का उपयोग कर विकास कार्यों को क्रियान्वित करने का निर्देश देने का अधिकार है। यह निर्देश देने वाले विधायक भी हो सकते हैं।
निर्देश केवल तभी जारी किया जा सकता है जब सौंपे गए विकास कार्य का अनुरोध संबंधित ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद के किसी निवासी द्वारा किया गया हो और राज्य सरकार द्वारा इसे सार्वजनिक हित में माना गया हो।
माल ढुलाई के लिए 25 लाख तक की सब्सिडी का निर्णय
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उद्यम और रोजगार नीति (एचईईपी)-2020 के तहत अधिसूचित माल ढुलाई सहायता योजना में संशोधन को मंजूरी प्रदान की गई। राज्य के विभिन्न औद्योगिक संघों और निर्यातकों ने राज्य सरकार से सभी एमएसएमई के लिए योजना को संशोधित करने और निर्यातकों को प्रेरित करने के लिए ब्लॉक वाइज कैपिंग की समीक्षा करने का अनुरोध किया था। नए संशोधनों के अनुसार, वैश्विक बाजार में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के निर्यात को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए अन्य गैर-वित्तीय प्रोत्साहनों सहित इकाई के परिसर से बंदरगाह, एयर कार्गो व अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं तक परिवहन लागत की अदायगी के लिए माल ढुलाई सब्सिडी के रूप में 25 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे। विनिर्माण स्थल से बंदरगाह/एयर कार्गो/सडक़ मार्ग से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक माल की ढुलाई पर सरकारी शुल्क और करों को छोड़कर, फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) मूल्य या वास्तविक माल ढुलाई के 1 प्रतिशत की सीमा तक माल ढुलाई सहायता, जो भी कम हो, जेडईडी प्रमाणन के स्तर के आधार पर सुनिश्चित की जाएगी। थ्रस्ट सेक्टर (एचईईपी के तहत अधिसूचित) के लिए ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी ब्लॉक में स्थित थ्रस्ट सेक्टर में लगे निर्माता निर्यातक को अधिकतम 25 लाख रुपये और थ्रस्ट सेक्टर ‘ए’ और ‘बी’ श्रेणी के ब्लॉक में लगे निर्माता निर्यातक को 15 लाख रुपये तक की सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी। अन्य सभी पात्र निर्माता निर्यातक इकाइयों (नॉन-थ्रस्ट सेक्टर) के लिए, ‘सी’ और ‘डी’ श्रेणी ब्लॉक में स्थित निर्माता निर्यातक को अधिकतम 20 लाख रुपये तथा ‘ए’ और बी’ श्रेणी ब्लॉक में स्थित निर्माता निर्यातक को 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी सुनिश्चित की जाएगी।
सभी खेलों के खिलाड़ियों को मिलेगा नौकरी में आरक्षण
हरियाणा में अब सभी खेलों के खिलाड़ियों को नौकरी में आरक्षण मिलेगा। प्रदेश सरकार ने खिलाडिय़ों के लिए सर्विस रूल्स में संशोधन कर दिया है। मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा उत्कृष्ट खिलाड़ियों (समूह ए, बी और सी) सेवा नियम, 2021 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। संशोधनों के अनुसार अब ‘स्पोट्र्स इवेंट्स’ का अर्थ खेलों की सभी प्रतियोगिताएं हैं, जो भार वर्ग तक सीमित नहीं होंगी। अब ओलंपिक,राष्ट्रमंडल, एशियाई, राष्ट्रीय खेलों और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में शामिल नहीं होने वाली प्रतिस्पर्धाओं के विजेताओं को भी हरियाणा में नौकरी में आरक्षण दिया जाएगा। पहले खेल विभाग की किसी भी नीति/नियम में ‘इवेंट’ की परिभाषा स्पष्ट नहीं थी। यह संशोधन ‘स्पोर्ट्स इवेंट्स’ की परिभाषा को स्पष्ट करके उन खिलाड़ियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है जिनकी प्रतियोगिताएं ओलिंपिक/ राष्ट्रमंडल/ एशियाई, राष्ट्रीय खेलों और राष्ट्रीय चैंपियनशिप में नहीं खेली जाती हैं। ऐसे खिलाड़ी अब खेल में उत्कृष्ट उपलब्धियों के आधार पर सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के लिए आवेदन के पात्र होंगे। इसका फायदा जूनियर खिलाड़ियों को भी मिलेगा।
जब दुष्यंत का छलका दर्द!
मंत्रिमंडल की बैठक में उस समय डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का दर्द छलक आया जब बैठक में गुरुग्राम के कासन गांव की जमीन के मुआवजे का मामला चर्चा के लिए आया। मामले पर उन्होंने विरोध जताया और कहा कि ‘इस एजेंडे पर मेरे साथ कोई चर्चा नहीं की गई और यह बैठक में चर्चा के लिए आ गया।’ उन्होंने कहा कि ‘मेरे विभागों के एजेंडों को लेकर मुझे ही बाईपास किया जा रहा है।’ हालांकि उनके एतराज जताने के बाद इस एजेंडे को स्थगित कर दिया गया। इसके बाद सीएम मनोहर लाल ने कहा कि कासन गांव की जमीन के लिए एक नीति बनाई जायेगी। इसके अलावा बैठक में मोटर वाहन अधिनियम अध्याय-4 के तहत तैयार स्टेट कैरिज स्कीम-2016 में संशोधन का एजेंडे को विभाग के अधिकारियों को इसे नए सिरे से तैयार करने के निर्देश दिए गए।
7 जातियों को अब सिर्फ एससी का लाभ
बैठक में हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण अधिनियम) 2016 में संशोधन को मंजूरी दी गई। केंद्र सरकार ने हरियाणा की 7 जातियों (अहेरिया अहेरी, हेरी हरि, थोरी तुरी और राय सिख) को हरियाणा से संबंधित अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल करने के लिए अनुसूचित जाति आदेश 1950 (9 मई, 2016 को अधिसूचना के माध्यम से) संशोधन किया था। इन 7 जातियों को हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण अधिनियम) अधिनियम 2016 की बीसी ए श्रेणी की सूची से हटा दिया गया है।
पेंशन नियम बदले : बैठक में विधवा एवं निराश्रित महिला पेंशन योजना के आय मानदंडों में बदलाव और 60 वर्ष या उससे अधिक के लाभार्थियों को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना में संशोधन को मंजूरी मिली। वर्तमान में हरियाणा विधवा एवं निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत लाभार्थी महिला को उसकी मृत्यु की तारीख तक लाभ मिलता है।