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बाढ़ बचाव को लेकर मंत्रियों ने संभाला मोर्चा, ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल 15 तक खुला

हरियाणा में लगातार वर्षा और जलभराव के बीच राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में बाढ़ प्रबंधन, राहत कार्य और किसानों को हुई क्षति की भरपाई के उपायों का जायजा लिया गया। सरकार...
चंडीगढ़ में बुधवार को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक लेते कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल। -ट्रिन्यू
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हरियाणा में लगातार वर्षा और जलभराव के बीच राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में बाढ़ प्रबंधन, राहत कार्य और किसानों को हुई क्षति की भरपाई के उपायों का जायजा लिया गया। सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को 15 सितंबर तक खुला रखने का निर्णय लिया है। अब तक लगभग 4 लाख एकड़ खरीफ फसलों के नुकसान के दावे पोर्टल पर दर्ज किए जा चुके हैं। मंत्री विपुल गोयल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दावों का सत्यापन और भुगतान प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाए ताकि किसानों को समय पर आर्थिक सहायता मिल सके।

बैठक में फ्लड कंट्रोल रूम, राहत सामग्री (रिलीफ स्टॉक), बचाव उपकरण (रेस्क्यू इक्विपमेंट) और सेना, एनजीओ तथा स्वयंसेवकों के साथ समन्वय की समीक्षा की गई। मंत्री ने आईआरबी भोंडसी की फ़र्स्ट बटालियन को 950 जवानों के साथ स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स घोषित किया। यह बल संवेदनशील जिलों में राहत और बचाव कार्यों के लिए तैनात किया गया है। राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 151 नावें तैनात की गई हैं।

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फंडिंग और समयबद्ध कार्रवाई

हरियाणा को इस वर्ष एचडीआरएफ के तहत 636 करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ है। मंत्री गोयल ने सभी जिला उपायुक्तों को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए रिजर्व फंड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा, पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग को जलभराव नियंत्रण के लिए विशेष रिजर्व फंड प्रदान किया गया है। वित्तायुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि प्रभावित जिलों में राहत और सहायता कार्यों की त्वरित निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि क्षति का त्वरित सर्वेक्षण शुरू किया गया है।

समन्वय-पारदर्शिता पर जोर

मंत्री विपुल गोयल ने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय बढ़ाने और आपदा प्रबंधन तैयारियों को मजबूत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ और जलभराव जैसी आपदाओं से निपटने के लिए पहले से मजबूत योजना और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली जरूरी है। सभी राहत कार्य समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरे किए जाएं।

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