दरिया और पहाड़ इंसानों के लिए कुदरत की नेक नियामत हैं। लेकिन कमाई की अंधी दौड़ में इन कुदरती चीजों पर माफिया ने ऐसी कुंडली मारी कि सारी व्यवस्था ही पंगु बन गयी। राजनीतिक गलियारों से लेकर अफसरशाही तक में खनन माफिया के गठजोड़ से कुछ इंसान पत्थर दिल बन गये। गठजोड़ का कैसा विकट खेल है कि पंजाब में जहां एक दिन पहले पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है, वहीं अगले दिन हरियाणा में एक डीएसपी को डंपर से कुचलकर मार दिया जाता है….
घटनाक्रम
- सुबह 10 बजे : डीएसपी तीन जवानों के साथ खनन साइट की ओर चले
- सुबह 11 बजे : पुलिस वाहन को दूर खड़ा कर पैदल ही चले
- 11:50 बजे : पत्थरों से भरे डंपर को रुकने का इशारा किया
- 11:55 बजे : स्पीड बढ़ाते हुए चालक ने डीएसपी पर डंपर चढ़ाया
- दोपहर 1:30 बजे : मुठभेड़ के बाद एक आरोपी गिरफ्तार
विवेक बंसल/निस
गुरुग्राम, 19 जुलाई
अवैध खनन को रोकने गए नूंह-मेवात में तैनात पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सुरेंद्र सिंह बिश्नोई को खनन माफिया के डंपर चालक ने अपने वाहन से कुचलकर मार डाला। बाद में मौके से फरार हुए अवैध खनन और हत्या में शामिल होने के आरोपी एक व्यक्ति को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद पकड़ लिया। मुठभेड़ में आरोपी घायल हुआ है। बताया जा रहा है कि डीएसपी सुरेंद्र इसी साल रिटायर होने वाले थे। हरियाणा में खनन माफिया द्वारा डीएसपी को डंपर से कुचलने का यह पहला मामला है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह वारदात गुरुग्राम और मेवात जिले के सीमावर्ती गांव पचगांव की पहाड़ियों में हुई। यहां अवैध रूप से चल रहे डंपर चालकों ने कच्चा रास्ता बनाया हुआ है। हालांकि इन राहों पर पुलिस वाहन को ले जाना संभव नहीं। डीएसपी 3 जवानों के साथ पैदल ही पहाड़ी पर चढ़ गए जहां खनन चल रहा था। बताया जा रहा है कि उन्होंने वहां से निकल रहे डंपर को रुकने का इशारा किया, लेकिन चालक ने रुकने के बजाय स्पीड बढ़ाई और डंपर को डीएसपी सुरेंद्र सिंह पर चढ़ा दिया। उनकी मौके पर ही मौत हो गयी। साथ गए जवानों ने कूदकर जान बचाई। इस वारदात के बाद आरोपी चालक ने पत्थरों से भरे डंपर को खाली किया और उसे खाली दौड़ाता हुआ भाग गया। हालांकि कुछ दूर पहुंचने पर पुलिस ने मुठभेड़ के बाद एक आरोपी को पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपी का नाम इक्कर है। वह पचगांव का ही निवासी है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश डाल रही है। इसके लिए कई टीमों का गठन किया गया है।
दिवंगत डीएसपी सुरेंद्र सिंह के भतीजे दिनेश बिश्नोई ने कहा कि वह जांबाज अफसर थे। उन्होंने पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है। तावडू नगरपालिका के चेयरपर्सन मनीषा गर्ग ने कहा कि वह एक नेक इंसान और अच्छे अधिकारी थे। जेएमवी हुंडई एजेंसी के संचालक हरीश घई ने कहा कि ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए कि बहादुर अधिकारियों का हौसला न टूटने पाए। कांग्रेस नेता सुरेंद्र यादव बिल्लू ने कहा कि सरकार अवैध खनन पर झूठी कार्रवाई का नाटक छोड़कर कड़ी कार्रवाई करे ताकि ऐसी वारदातें आगे न हों। भाजपा नेता और वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जाकिर हुसैन ने इस घटना की निंदा की है और दिवंगत को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
शहीद का दर्जा मिलेगा
डीएसपी की हत्या पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गहरा शोक व्यक्त किया। मंगलवार को गुरुग्राम के भोंडसी में उन्होंने दिवंगत डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने डीएसपी को शहीद का दर्जा देने, उनके परिजन को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि देने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शहीद डीएसपी सुरेंद्र सिंह के परिवार के साथ है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने भी शोक जताते हुए कहा, ‘हम खनन माफिया से सख्ती से निपटेंगे।’
1994 में बतौर एसआई हुए थे भर्ती
डीएसपी सुरेंद्र सिंह का जन्म मंडी आदमपुर-हिसार के सांगरपुर गांव में उग्रसेन एवं मुन्नी देवी के घर में 2 अक्तूबर, 1964 को हुआ। वर्ष 1994 में हरियाणा पुलिस में एसआई के तौर पर वह भर्ती हुए। उनकी पत्नी का नाम कौशल्या देवी है। उनकी बेटी प्रियंका बिश्नोई एवं पुत्र एवं पुत्रवधू सिद्धार्थ एवं प्रियंका हैं। उनके दो पौत्र कुहन एवं कुश हैं। उन्होंने तावडू में 29 जून, 2020 को कार्यभार संभाला था।
बेटे का कनाडा से आने का इंतजार
डीएसपी सुरेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर को महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा हिसार के शव गृह में रखा गया है। बताया गया कि उनके पुत्र सिद्धार्थ िबश्नोई कनाडा में हैं। उन्हें यहां आने में एक-दो दिन लग जाएंगे। बेटे के आने के बाद ही सुरेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उधर, पहले नूंह पुलिस ने शव का पंचनामा कराकर उसे परिजनों के हवाले कर दिया था, बाद में शव को बेटे के आने तक सुरक्षित रखने पर फैसला हुआ।