पानीपत, 5 मई (निस)
पानीपत के गांव डाहर में स्थापित नयी शुगर मिल गन्ने की कमी के चलते 50 हजार क्विंटल रोजाना पिराई की क्षमता होने के बावजूद बृहस्पतिवार को करीब 18 हजार क्विंटल पिराई क्षमता पर चल रहा है। जबकि जिलाभर के किसानों के 4-5 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई होना अभी भी बाकी है।
लेबर की कमी की वजह से किसान शुगर मिल में पूरा गन्ना लेकर नहीं आ पा रहे है। वहीं शुगर मिल के एमडी नवदीप सिंह ने बृहस्पवितार को हथवाला सेंटर सहित विभिन्न गांवों का दौरा किया और किसानों से अपना बकाया गन्ना जल्द शुगर मिल मे लेकर आने की अपील की है।
मिल के गन्ना विभाग के अधिकारियों की टीम भी लगातार गांवों में जाकर किसानों से शुगर मिल में गन्ना लाने का आह्वान कर रही है। पानीपत के नये डाहर शुगर मिल में अभी तक करीब 12 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई हो चुकी है और अधिकारियों के अनुसार मिल को कम पिराई क्षमता पर चलाने से उनको घाटा होता है। इससे चीनी की रिकवरी भी कम आती है।
बता दें कि बृहस्पतिवार को सुबह गन्ने की कमी होने से एक बार तो शुगर मिल को बंद करने तक की नौबत आ गई थी, लेकिन गन्ने की कुछ ट्रालियां आने से मिल अभी चल रही है। भाकियू के जिला प्रधान सोनू मालपुरिया ने बताया कि जिला में अभी भी करीब 10 लाख क्विंटल गन्ना खेतों में खड़ा हुआ है, जिसमें से करीब 5 लाख क्विंटल तो गन्ने के बीज व जूस आदि में लग जाएगा और बाकी 5 लाख की शुगर मिल में पिराई होनी है। सोनू मालपुरिया ने बताया कि किसानों को लेबर की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
किसान गन्ना लेकर नहीं आते हैं तो करना पड़ेगा बंद : एमडी
शुगर मिल के एमडी नवदीप सिंह ने बताया कि वे और अधिकारियों की टीमें लगातार किसानों से जल्द गन्ना लेकर आने की अपील कर रहे हैं।,लेकिन फिर भी किसान समय पर गन्ना लेकर नहीं आ रहे हैं और इसी वजह से शुगर मिल को सिर्फ 18-19 हजार की पिराई क्षमता पर चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि दो दिन में किसान समय पर मिल की क्षमता के अनुसार गन्ना लेकर नहीं आते तो मजबूरन उनको शुगर मिल बंद करना पड़ेगा।