कुरुक्षेत्र, 16 अक्तूबर (हप्र)
सर्दियों की आहट के साथ ही यहां के सुनेहरी खालसा, ईशाकपुर तथा हथीरा गांवों के प्राकृतिक तालाबों में शीतकालीन प्रवास के लिए प्रवासी पक्षियों का आना प्रारंभ हो गया है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हथीरा के जीवविज्ञान प्राध्यापक डॉ़ तरसेम कौशिक ने बताया कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के तालाबों में सर्दियों में प्रवासी पक्षियों का जमघट लगना शुरू हो जाता है। हालांकि पहले ब्रह्मसरोवर में ही लाखों प्रवासी पक्षी आते थे परंतु कुछ वर्षों से पर्यटकों की संख्या बढ़ने तथा बड़े आयोजन होने के कारण प्रवासी पक्षी ब्रह्मसरोवर में न आकर अन्य तालाबों में प्रवास करते हैं।
कुछ वर्षों से कम आने लगे हैं परिंदे
डॉ. कौशिक ने बताया कि वे पिछले 20 वर्षों से सुनेहरी खालसा व ईशाकपुर के प्राकृतिक तालाब प्रवासी पक्षियों के शीतकालीन आवास हैं क्योंकि यहां इन्हें सुरक्षित आवास एवं भोजन मिल जाता था। परंतु पिछले कुछ वर्षों से इन तालाबों में प्रवासी पक्षियों की संख्या में काफी कमी आई है जिसका कारण जल गंदा होना, ह्यचीन्थ पादप, मछली पालन व तालाब के नजदीक ग्रामीणों के क्रियाकलापों में वृद्धि है। प्रवासी पक्षी रूस, साइबेरिया, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, चीन, पश्चिम एशिया, केस्पियन सागर से हजारों किलोमीटर की दुर्गम यात्रा कर यहां आते हैं। प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के लिए प्राकृतिक तालाबों को उनकी मूल अवस्था में संरक्षित करने की जरूरत है।