अम्बाला शहर, 28 अप्रैल (हप्र)
मिड डे मील वर्कर्स यूनियन ने कहा कि पिछले दस सालों में केंद्र की भाजपा सरकार ने वर्कर्स के मानदेय में एक रुपए की बढ़ोतरी नहीं की है। इससे वर्कर्स में भाजपा के प्रति भारी गुस्सा है। इसके परिणाम उसको चुनावों में भुगतने होंगे। रविवार को अम्बाला शहर में आयोजित यूनियन की जिला बैठक के बाद प्रधान ललिता, सचिव सोनिया व कैशियर राज कुमारी ने कहा कि वर्कर्स को जो नाम मात्र का मानदेय मिलता है वह भी सरकार साल में केवल दस महीने का ही देती है। उसको भी समय पर लेने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। यूनियन नेताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा व न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये देने का कहीं कोई जिक्र नहीं किया है। मोदी के सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास में मिड डे मील वर्कर्स की पूरी तरह अनदेखी की गई है। बैठक को सीटू नेता रमेश नन्हेड़ा व बरखा राम ने कहा कि भाजपा के बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ के नारे की हकीकत जनता के सामने आ चुकी है। बेटियों ने जब भी सरकार से अपने हक मांगे उनको सड़कों पर घसीटा व मारा पीटा गया है। इसलिए भाजपा को सबक सिखाने का समय आ गया है। सीटू नेताओं ने महिला विरोधी भाजपा को हराने व इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को जिताने का संदेश हर वर्कर्स तक लेकर जाने की अपील की।