मेधावी व जरूरतमंद विद्यार्थी नहीं रहेंगे छात्रवृत्ति से वंचित
सीएम ने हरियाणा भवन के आवासीय आयुक्त को निर्देश दिए कि वे केंद्रीय मंत्रालयों से नियमित संपर्क में रहें और केंद्र की योजनाओं की जानकारी प्रदेश के विभागों तक समय पर पहुंचाएं। साथ ही, स्कूलों और कॉलेजों के प्रिंसिपलों को कहा कि वे विद्यार्थियों को योजनाओं की जानकारी दें और उनके ऑनलाइन फार्म भरवाने में मदद करें।
बैठक में सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, सीएम के प्रधान सचिव अरुण गुप्ता, एसीएस डॉ़ जी़ अनुपमा, उच्चतर शिक्षा विभाग के एसीएस विनीत गर्ग, डॉ़ चंद्रशेखर खरे, राकेश संधू, सतबीर सिंह कादियान और राकेश चौहान सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग ने बताया कि स्कॉलरशिप योजनाएं उच्चतर शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, पशुपालन, चिकित्सा शिक्षा और आयुष विभागों द्वारा संचालित हैं। विद्यार्थियों को आवेदन उच्चतर शिक्षा पोर्टल पर अपलोड करना होता है, जिसे कॉलेज और विभाग द्वारा सत्यापित किया जाता है। तत्पश्चात 40 प्रतिशत राशि राज्य और 60 प्रतिशत केंद्र द्वारा नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल से सीधे खातों में डाली जाती है।
स्कूल- कॉलेजों में लगेंगे ‘स्कॉलरशिप सूचना बोर्ड’
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि हर शिक्षण संस्थान में सूचना बोर्ड लगाए जाएं, जिन पर सभी स्कॉलरशिप योजनाओं की पात्रता और आवेदन प्रक्रिया स्पष्ट रूप से लिखी हो। इससे विद्यार्थियों को फार्म भरने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी नियमित रूप से ग्राउंड मॉनिटरिंग करें और रिपोर्ट सरकार को भेजें, ताकि राज्य सरकार 40 प्रतिशत और केंद्र सरकार 60 प्रतिशत हिस्सेदारी डीबीटी के माध्यम से विद्यार्थियों के खातों में समय पर डाल सके।
काउंसलिंग के समय मिलेगी स्कॉलरशिप की जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों के प्रवेश के समय ही काउंसलिंग के दौरान उन्हें और उनके अभिभावकों को स्कॉलरशिप की जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि पात्र विद्यार्थियों के बैंक खाते आधार से लिंक करवाना अनिवार्य किया जाए, ताकि किसी को देरी का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष ध्यान युवाओं के कौशल विकास पर केंद्रित है। हरियाणा सरकार भी अनुसूचित जाति (एससी) और पिछड़ा वर्ग (बीसी) के युवाओं को रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने और आत्मनिर्भर बनाने पर फोकस करेगी।
