सेक्शन 7-ए हटाने के लिए सौंपा ज्ञापन
आज किसानों पर लागू सेक्शन 7-ए हटाने के लिए ज्ञापन दिया गया। सीटीएम पीयूष गुप्ता ने डीसी की अनुपस्थिति में ज्ञापन लिया और आश्वासन दिया कि जल्दी ही इसके बारे में उचित कार्रवाई की जायेगी। इस अवसर पर समाजसेवी चिराग सिंघल, किरपाल सिंह गिल, पंडित रमेश महेशी, सरदार अमरजीत सिंह कंग, जगबीर सिंह रुल्लाखेड़ी पूर्व चेयरमैन, गन्ना सोसाइटी जगाधरी, रविंदर सिंह काला, गुरमीत सिंह, पंच जयभगवान, किसान नेता मोहित रिंकू धीमान मेहलांवाली, सुरेश शर्मा जाट उपस्थित रहे। ज्ञापन में कहा गया की हम सभी गांव खेड़ा, कैल, रुल्लाखेड़ी, हरिपुर, भोले का माजरा, सुढल, सुद्धैल, मेहलांवाली और लगभग 50 गांव की जमीन पर सेक्शन -7 ए, जोकि वर्ष 2020 में लगाया गया था, जिसका उद्देश्य टाउन प्लान-2021 को विस्तार करने के लिए सरकार ने इस्तेमाल किया था, आज तक न तो अगले 10 वर्षीय 2031 प्लान का नया नक्शा आया और न ही 2041 का आया, तो फिर ये किसानों के गले में सेक्शन -7 ए का फांसी का फंदा क्यों लगाया हुआ है? शहर में भू-माफिया भूमिदारों से मिलकर औद्योगिक क्षेत्र में भी बड़ी-बड़ी प्लाईवुड और स्टील की इंडस्ट्री को उखाड़कर 100-200 गज के आवासीय प्लाट काटकर बेच रहा है, जबकि किसान वर्ग अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए किसी संसथान की फीस भरने के लिए अपने खेत का छोटा-सा टुकड़ा बेचना चाहे तो उस पर रोक लगी हुई है। ऐसे में उत्तरी हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जिनके पास टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग मंत्री का दायित्व भी है, उनसे प्रार्थना करते है की इस इलाके में या तो 2031 और 2041 के प्लान को जारी करे या किसानों के खेतों पर लगी सेक्शन 7-ए धारा को हटाने का काम करे।
