रोहतक, 5 मई (हप्र)
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के विश्वविद्यालयों में केजी (किंडर गार्टन) से पीजी (स्नातकोत्तर तक) कक्षाएं शुरू की जा रही हैं। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा केजी से पीजी तक कक्षाएं शुरू कर दी गई हैं तथा प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी इन कक्षाओं को शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज एवं लॉ कॉलेज में हिन्दी माध्यम से शिक्षा देने के लिए पाठ्यक्रम तय किया जा रहा है। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मॉडल संस्कृति स्कूल खोले गए हैं तथा सरकार द्वारा 500 नए ऐसे स्कूल खोले गए हैं। प्रदेश में 14 हजार राजकीय स्कूल हैं, इनमें से कुछ स्कूलों के भवन पुराने हैं। सरकार द्वारा आयु सीमा पूर्ण कर चुके स्कूल भवनों की जांच करवाकर इनके स्थान पर नए भवन बनाने का आह्वान किया है।
मनोहर लाल ने कहा कि रोहतक स्थित पंडित नेकीराम महाविद्यालय के नए भवन के निर्माण के लिए 70 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। स्कूलों में ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए टास्क फोर्स गठित की जा रही है, जो स्कूलों के भवन, चारदीवारी, पीने का पानी, शौचालय के अलावा हरियाली आदि की निगरानी करेगी। सभी स्कूलों में इस वर्ष के अंत तक ड्युअल बैंच उपलब्ध करवा दिए जायेंगे तथा 4 हजार स्कूल चिन्हित किये गए हैं, जिनमें खेल के माध्यम से बच्चों को शिक्षा दी जायेगी। क्रैच भी शुरू किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए अहम फैसले में शामलात भूमि को पंचायत भूमि बताया गया है। इस तरह सरकारी स्कूल की जमीन को पहले स्कूल के नाम करवाया जायेगा ताकि भविष्य में किसी प्रकार का कोई विवाद न हो। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी बड़ी क्रांति है। कौशल विकास से बच्चों को आगे बढ़ने के लिए अवसर प्रदान किये जा रहे हैं।
हलवा खाकर बच्चों संग मनाया जन्मदिन
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बृहस्पतिवार को अपने पैतृक गांव बनियानी के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बच्चों के साथ अपना 69वां जन्मदिन मनाया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल को हलवा भेंट किया गया। उन्होंने संवाद कार्यक्रम के दौरान बच्चों से बातचीत की। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री से उनके बचपन के बारे में जानकारी ली तथा मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों के प्रश्नों का उत्तर दिया। बच्चों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें सभी शिक्षक अत्यंत प्रिय थे। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को बताया कि बचपन में वह तख्ती के साथ पढ़ते थे, जबकि वर्तमान में लैपटॉप का जमाना आ गया है। शिक्षा काफी बदल चुकी है। उन्होंने इस दौरान विद्यार्थियों को पढ़ाई से संबंधित मूल मंत्र भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बचपन में उनकी दादी घर में उन्हें मन्नु के नाम से पुकारती थी। वे 5वीं कक्षा के बाद गांव से लगभग 3 किलोमीटर पैदल भाली आनंदपुर गांव में शिक्षा ग्रहण करने जाते थे।
पार्टी कार्यालय पहुंचे सीएम
मुख्यमंत्री भाजपा के प्रदेश कार्यालय में भी पहुंचे और पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. मंगल सेन की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने भाजपा कार्यालय के निकट स्थित संघ कार्यालय का भी दौरा किया और अपनी यादें ताजा की। इस दौरान एक बुजुर्ग महिला ने मुख्यमंत्री को जन्म दिवस की बधाई देते हुए पेंशन बनवाने की गुहार लगाई। तब सीएम ने 2500 रुपए निकालकर बुजुर्ग महिला को देते हुए उनका आशीर्वाद लिया और कहा कि आपकी पेंशन आज से ही शुरू हो गई है।