दिनेश भारद्वाज
चंडीगढ़, 12 मार्च
पिछले साल कोरोना महामारी के बाद अब राज्य सरकार का स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर विशेष जोर है। बजट में यह बात साफ तौर पर देखने को भी मिली। राज्य में सात नये मेडिकल कॉलेज के साथ करनाल में मेडिकल यूनिवर्सिटी सहित कई बड़े ऐलान किए गए हैं। प्रदेश के जिला अस्पतालों में कम से कम 200 बैड की सुविधा होगी। वहीं इस बीच, भिवानी में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम भूतपूर्व डिप्टी सीएम स्व़ डॉ़ मंगलसेन के नाम रखने पर सियासी संग्राम भी छिड़ गया है। भिवानी में बंसीलाल के नाम पर बने सिविल अस्पताल को ही केंद्र की योजना से सरकार अपग्रेड करके मेडिकल कॉलेज बना रही है। बंसीलाल के नाम पर ही मेडिकल बनाने की बात सामने आई थी। सरकार ने मेडिकल कॉलेज के लिए जो जगह तय की थी, वह तकनीकी कारणों के चलते रद्द हो गई। बाद में अस्पताल को ही अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया। स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम के नाम पर मेडिकल कॉलेज बनाने का मामला भी सामने आया। अब बजट में सीएम ने स्पष्ट किया है कि भिवानी में डॉ़ मंगलसेन के नाम पर मेडिकल कॉलेज बनेगा। पूर्व सहकारिता मंत्री सतपाल सांगवान ने सरकार के इस फैसले पर कड़ी नाराज़गी भी जता दी है। उनका कहना है कि नाम बदलना सरकार की गलत सोच है। उन्होंने यहां तक कहा कि तोशाम विधायक किरण चौधरी व भिवानी-महेंद्रगढ़ से भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह की मिलीभगत से मेडिकल कॉलेज से चौ़ बंसीलाल का नाम हटा है। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करे और नये मेडिकल कॉलेज भी बनाए लेकिन चौ़ बंसीलाल का नाम मेडिकल कॉलेज से बदलना सही नहीं है। जींद और महेंद्रगढ़ में भी सरकार मेडिकल कॉलेज स्थापित कर रही है। इसी तरह से फरीदाबाद में भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व़ अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर मेडिकल कॉलेज बनेगा। यमुनानगर, कैथल और सिरसा में भी मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का ऐलान सीएम ने किया है। हिसार के अग्रोहा स्थित अग्रसेन मेडिकल कॉलेज में कैंसर विज्ञान केंद्र की स्थापना की घोषणा भी बजट में की गई है। मेवात के नल्हड़ में स्थापित मेडिकल कॉलेज में अब डेंटल कॉलेज भी बनेगा।
डॉक्टरों के 350 नये पद होंगे सृजित
कोरोना का मुकाबला करते हुए सरकार ने 956 नियमित डॉक्टरों व 206 आयुष चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की गई। अब राज्य में 350 चिकित्सा अधिकारियों और 60 दंत चिकित्सकों के नये पद सृजित होंगे। बजट में कहा गया है कि सरकार सब-डिवीजन अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी आईसीयू और डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान करेगी।
200 बैड के होंगे जिला अस्पताल
प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में कम से कम 200 बैड की सुविधा देने का फैसला लिया गया है। वर्तमान में 19 जिला मुख्यालय ऐसे हैं, जहां 100 या इससे कम बैड की सुविधा है। ऐसे सभी जिलों में 200 बैड की सुविधा होगी। नूंह में अभी तक कोई सरकारी अस्पताल नहीं है लेकिन सीएम ने जिला मुख्यालय पर 100 बैड का नया अस्पताल खोलने की घोषणा की है। बाकी जिलों में 200 या इससे अधिक बैड अस्पतालों में मौजूद हैं। सभी जिला अस्पतालों में आईसीयू व प्राइवेट रूम भी स्थापित होंगे।
1000 हेल्थ वेलनेस सेंटर
प्रदेश में अभी तक तीन दर्जन के करीब ही हेल्थ वेलनेस सेंटर हैं। राज्य के गांवों में बनाई गई योग एवं व्यायामशालाओं में ही हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में इस साल 1000 हेल्थ वेलनेस सेंटर स्थापित होंगे। इनमें निवारक, प्रोत्साहन, उपचारात्मक, पुनर्वास और व्यापक स्तर की देखभाल सेवाएं प्रदान की जाएंगी। सेंटर में योगशाला, ध्यान, शारीरिक व्यायाम के अलावा दवाओं, परीक्षण एवं जांच सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
8 और कैटेगरी आयुष्मान योजना में शामिल
प्रदेश के मान्यता प्राप्त पत्रकारों सहित 8 कैटेगरी के लोगों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया गया है। निर्माण श्रमिक बोर्ड, मीडिया, नंबरदार, चौकीदार, विमुक्त घुमंति जाति, आजाद हिंद फौज में रहे सैनिक, हिंदी आंदोलन से जुड़े परिवार, द्वितीय विश्व युद्ध और आपातकाल के दौरान जेल गए परिवार तथा मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के लाभार्थी इस योजना में शामिल होंगे। सालाना 5 लाख रुपये तक मुफ्त उपचार की सुविधा आयुष्मान भारत के तहत मिलेगी। इसका खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। योजना को ट्रस्ट मोड में लागू किया जाएगा। एक लाख 80 हजार तक सालाना आय वाले परिवार ही इसमें कवर होंगे। 5 लाख रुपये तक सालाना आय वाले परिवारों को अनुपातिक आधार पर इस योजना का लाभ मिलेगा।
पंचकूला में नेशनल आयुर्वेद संस्थान
सरकार ने पंचकूला में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान स्थापित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में योग को लोकप्रिय बनाने के लिए राज्य में योग एवं व्यायामशालाओं की स्थापना हो रही है। पहले चरण में 1000 आयुष सहायकों व 22 आयुष कोच की भर्ती कांट्रैक्ट आधार पर होगी।
खिलाड़ियों के लिए 5 पुनर्वास केंद्र
खिलाड़ियों के वैज्ञानिक प्रशिक्षण, खेल के दौरान लगने वाली चोट के उपचार और शीघ्र स्वस्थ्य लाभ के लिए प्रदेश में चार पुनर्वास केंद्र स्थापित होंगे। प्रदेश स्तर का पुनर्वास केंद्र पंचकूला में स्थापित होगा। वहीं रोहतक, गुरुग्राम, करनाल व हिसार में मंडल स्तर के पुनर्वास केंद्र बनेंगे। ये केंद्र नवीनतम विश्व स्तरीय खेल-चिकित्सा उपकरणों से लैस होंगे और योग्य कर्मचारियों, मनोवैज्ञानिक और फिजियोथेरिपिस्ट द्वारा संचालित किए जाएंगे। पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में हॉकी, फुटबॉल, बॉस्केटबॉल और वॉलीबॉल के नये मैदान बनेंगे।